क्या विदेश मंत्री का रूस दौरा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा?

Click to start listening
क्या विदेश मंत्री का रूस दौरा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा?

सारांश

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का रूस दौरा भारत-रूस संबंधों को नई दिशा देने का प्रयास है। उन्होंने व्यापार, ऊर्जा सहयोग और तकनीकी संबंधों पर चर्चा की। क्या यह दौरा भविष्य में हमारे संबंधों को और मजबूत करेगा?

Key Takeaways

  • भारत-रूस संबंधों को और मजबूत बनाने के प्रयास हो रहे हैं।
  • व्यापार और ऊर्जा सहयोग पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई।
  • 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार लक्ष्य।
  • आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने का संकल्प।
  • द्विपक्षीय मंच और आईआरआईजीसी के बीच समन्वय तंत्र की स्थापना।

नई दिल्ली, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने 19 से 21 अगस्त तक रूस का दौरा किया और भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) के 26वें सत्र की सह-अध्यक्षता की। इस यात्रा के दौरान उन्होंने रूसी नेताओं, विद्वानों और उद्योग प्रतिनिधियों के साथ गहन चर्चा की, जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ।

19 अगस्त को विदेश मंत्री ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश पहुँचाया और द्विपक्षीय एजेंडे के साथ-साथ यूक्रेन जैसे वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। दोनों पक्षों ने आपसी हित के मामलों पर चर्चा की, जो संबंधों को और मजबूत बनाने में सहायक होगा।

20 अगस्त को डॉ. जयशंकर ने रूस के प्रथम उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ आईआरआईजीसी-टीईसी के सत्र की सह-अध्यक्षता की। इस सत्र में व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। उन्होंने टैरिफ और गैर-टैरिफ व्यापार बाधाएं हटाने, लॉजिस्टिक्स में सुधार, कनेक्टिविटी बढ़ाने, भुगतान प्रणाली को सरल बनाने और 2030 तक आर्थिक सहयोग कार्यक्रम लागू करने की योजना पर चर्चा की।

इसके अलावा, भारत-यूरेशियन आर्थिक संघ के मुक्त व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने और दोनों देशों के व्यवसायों के बीच नियमित संपर्क बढ़ाने पर सहमति बनी। लक्ष्य है कि 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाया जाए। सत्र के अंत में दोनों सह-अध्यक्षों ने एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए।

सत्र में ऊर्जा सहयोग को बढ़ाने और भारतीय कुशल श्रमिकों, खासकर आईटी, निर्माण और इंजीनियरिंग क्षेत्र में उनकी गतिशीलता पर भी ध्यान दिया गया। इससे दोनों देशों के बीच तकनीकी और आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे।

आईआरआईजीसी-टीईसी सत्र के बाद आयोजित भारत-रूस व्यापार मंच में अधिकारियों, व्यवसायियों और उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया। विदेश मंत्री और मंटुरोव ने इस मंच को संबोधित किया। दोनों पक्षों ने व्यापार मंच और आईआरआईजीसी के कार्य समूहों के बीच समन्वय तंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा, जो भविष्य में सहयोग को और प्रभावी बनाएगा।

21 अगस्त को डॉ. जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत-रूस संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की, जिसमें व्यापार, रक्षा, सैन्य-तकनीकी सहयोग और कजानयेकातेरिनबर्ग में नए भारतीय वाणिज्य दूतावासों के उद्घाटन को तेज करना शामिल था। वैश्विक मुद्दों पर दोनों देशों ने जी20, ब्रिक्स और एससीओ में सहयोग और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार पर अपनी प्रतिबद्धता जताई।

यूक्रेन, मध्य पूर्व, पश्चिम एशिया और अफगानिस्तान जैसे क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर चर्चा हुई। विदेश मंत्री ने संवाद और कूटनीति को विवाद सुलझाने का साधन बताया। उन्होंने रूसी सेना में काम करने वाले भारतीयों के मामलों के शीघ्र समाधान की भी आशा जताई। आतंकवाद के खिलाफ दोनों देशों ने मिलकर लड़ने का संकल्प लिया और भारत ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ अपनी कटौती नीति दोहराई।

दोनों पक्षों ने अगले वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा की। विदेश मंत्री ने लावरोव को भारत आने का निमंत्रण दिया।

Point of View

NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

विदेश मंत्री का रूस दौरा कब हुआ?
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का रूस दौरा 19 से 21 अगस्त तक हुआ।
इस दौरे में क्या मुख्य मुद्दे उठाए गए?
इस दौरे में व्यापार, ऊर्जा सहयोग, और तकनीकी संबंधों पर चर्चा की गई।
भारत और रूस के बीच व्यापार का लक्ष्य क्या है?
लक्ष्य है कि 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाया जाए।
क्या दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने का संकल्प लिया?
हाँ, दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने का संकल्प लिया है।
डॉ. जयशंकर ने किससे मुलाकात की?
डॉ. जयशंकर ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की।