क्या भारत और सऊदी अरब केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स सेक्टर में सहयोग बढ़ा रहे हैं?

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क्या भारत और सऊदी अरब केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स सेक्टर में सहयोग बढ़ा रहे हैं?

सारांश

भारत और सऊदी अरब ने केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स सेक्टर में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। बैठक में दोनों देशों के बीच निवेश और नए क्षेत्रों की खोज पर चर्चा की गई। यह भागीदारी भारत और सऊदी अरब के संबंधों को और मजबूत करेगी।

Key Takeaways

  • भारत और सऊदी अरब के बीच केमिकल्स एवं पेट्रोकेमिकल्स में सहयोग बढ़ रहा है।
  • दोनों देशों ने निवेश के नए अवसरों की पहचान की है।
  • रिसर्च और डेवलपमेंट में सहयोग पर सहमति बनी है।
  • भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है।
  • इस सहयोग से दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे।

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और सऊदी अरब ने केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स सेक्टर में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने, निवेश को प्रोत्साहित करने और नए सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने का निर्णय लिया है। यह जानकारी बुधवार को एक आधिकारिक बयान में दी गई।

रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अनुसार, सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है, जबकि 'भारत' सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है।

2024-25 में, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 41.88 अरब डॉलर तक पहुँच गया, जिसमें केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स का योगदान 10 प्रतिशत, यानी लगभग 4.5 अरब डॉलर रहा।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग और सऊदी अरब के उद्योग एवं खनिज मंत्रालय के बीच एक द्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई।

इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग की सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा ने किया, जबकि सऊदी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उद्योग एवं खनिज उप मंत्री खलील बिन इब्राहिम बिन सलामाह ने किया।

दोनों पक्षों ने केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स क्षेत्र में अपने देशों की विशेषताओं को स्वीकार किया, जिसमें सऊदी अरब पेट्रोकेमिकल्स में एक प्रमुख देश है, जबकि भारत की स्थिति विशेष रसायनों में मजबूत है।

उन्होंने भारत के पेट्रोलियम, केमिकल और पेट्रोकेमिकल इन्वेस्टमेंट रिजन (पीसीपीआईआर) में निवेश और दोनों देशों की प्रमुख कंपनियों के बीच संभावित साझेदारी सहित केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स की वैल्यू चेन में सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा की।

इस क्षेत्र में रिसर्च एंड डेवलपमेंट और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्रों में सहयोग करने पर भी सहमति बनी।

दोनों पक्षों ने केमिकल और पेट्रोकेमिकल सेक्टर में एक स्थायी और आपसी लाभकारी साझेदारी बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिससे भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक और आर्थिक संबंध और अधिक मजबूत होंगे।

इससे पहले, सऊदी अरब के उद्योग और खनिज संसाधन उप मंत्री खलील इब्न सलामाह के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के सचिव से मुलाकात की थी। बैठक का उद्देश्य वस्त्र क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना था।

दोनों देशों ने मजबूत आर्थिक संबंधों की पुष्टि की। भारत सऊदी अरब के कपड़ा और परिधान क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा सप्लायर (517.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर) बनकर उभरा है। भारत ने 2024 में सऊदी अरब के कुल कपड़ा और परिधान आयात में 11.2 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल की। दोनों पक्षों ने इस व्यापारिक संबंध को बढ़ाने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त की।

Point of View

हम देख रहे हैं कि कैसे भारत और सऊदी अरब के बीच केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स सेक्टर में सहयोग बढ़ाने से दोनों देशों के आर्थिक संबंधों में मजबूती आएगी। यह कदम न केवल व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि दोनों देशों के बीच आपसी समझ को भी मजबूत करेगा।
NationPress
15/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत और सऊदी अरब के बीच व्यापारिक संबंध कैसे हैं?
भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है, जिससे दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंध स्थापित होते हैं।
इस बैठक में कौन-कौन शामिल थे?
बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा और सऊदी प्रतिनिधिमंडल के उप मंत्री खलील बिन इब्राहिम बिन सलामाह शामिल थे।
क्या सहयोग के नए क्षेत्र खोजे गए?
हाँ, बैठक में नए सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने और निवेश को बढ़ावा देने पर चर्चा की गई।