क्या भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई अक्टूबर में दो महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया?

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क्या भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई अक्टूबर में दो महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया?

सारांश

अक्टूबर में भारत की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में तेजी आई है, जिससे पीएमआई बढ़कर 58.4 हो गया। घरेलू मांग में सुधार और लागत दबाव कम होने से यह वृद्धि संभव हुई है। जानिए, इस पर क्या है विशेषज्ञों की राय।

Key Takeaways

  • भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई अक्टूबर में 58.4 पर पहुंच गया।
  • घरेलू मांग में सुधार और लागत दबाव कम हुआ।
  • नए ऑर्डरों में वृद्धि और उत्पादन में इजाफा हुआ।
  • अमेरिकी टैरिफ निर्यात पर दबाव डाल रहे हैं।
  • पीएमआई 50 से ऊपर होने पर आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होती है।

नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में अक्टूबर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसके चलते एचएसबीसी फ्लैश इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 58.4 के स्तर पर पहुंच गया है, जो सितंबर में 57.7 था। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर मजबूती से आगे बढ़ रहा है, जिसकी वजह मजबूत मांग और लागत पर दबाव का कम होना है।

मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में वृद्धि, नए ऑर्डरों में बढ़त, उत्पादन में इजाफा और स्थिर रोजगार स्तर व्यावसायिक परिस्थितियों में सुधार को दर्शाते हैं।

एचएसबीसी के मुख्य भारत अर्थशास्त्री, प्रांजुल भंडारी ने कहा कि हाल ही में जीएसटी दरों में की गई कटौती से घरेलू मांग को बढ़ावा मिला है और इनपुट लागत को नियंत्रण में रखने में भी मदद मिली है।

भंडारी ने आगे कहा कि अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई के बढ़ने का एक कारण जीएसटी की दरों में कटौती है। इससे घरेलू मांग और लागत पर दबाव कम हुआ है।

रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिकी टैरिफ के कारण निर्यात से जुड़ी समस्याएं लगातार बनी हुई हैं, जो नए निर्यात ऑर्डर और भविष्य के बिजनेस आशावाद पर दबाव डाल रही हैं।

उन्होंने कहा, "नए ऑर्डर और उत्पादन दोनों ही जनवरी-जुलाई के औसत स्तर से ऊपर हैं, लेकिन अमेरिकी टैरिफ के कारण नए निर्यात ऑर्डर और भविष्य के लिए आशावाद पर असर पड़ रहा है।"

हालांकि, एचएसबीसी फ्लैश इंडिया कंपोजिट आउटपुट इंडेक्स - जो मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर के संयुक्त प्रदर्शन को मापता है - सितंबर के 61.0 से अक्टूबर में 59.9 पर आ गया।

जब भी पीएमआई 50 से ऊपर होता है, यह आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि को दर्शाता है, जबकि 50 से कम होने पर आर्थिक गतिविधियों में गिरावट आती है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में सुधार एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, निर्यात समस्याओं के कारण कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। हमें अपनी घरेलू मांग को बढ़ावा देने और निर्यात को बढ़ाने के लिए उपाय करने की आवश्यकता है।
NationPress
24/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत का पीएमआई क्या है?
पीएमआई (Purchasing Managers' Index) मैन्युफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र के प्रदर्शन को दर्शाता है।
अक्टूबर में पीएमआई का स्तर क्या था?
अक्टूबर में भारत का पीएमआई 58.4 था।
जीएसटी में कटौती का क्या असर हुआ?
जीएसटी में कटौती से घरेलू मांग में वृद्धि हुई और लागत पर दबाव कम हुआ।
निर्यात पर अमेरिकी टैरिफ का क्या प्रभाव है?
अमेरिकी टैरिफ के कारण निर्यात से जुड़े ऑर्डरों में कमी आई है।
पीएमआई के 50 से ऊपर होने का क्या अर्थ है?
जब पीएमआई 50 से ऊपर होता है, तो यह आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि को दर्शाता है।