क्या भारत पर्यावरण का जिम्मेदारी से इस्तेमाल करने में विश्व का नेतृत्व कर सकता है? : डॉ. जितेंद्र सिंह

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क्या भारत पर्यावरण का जिम्मेदारी से इस्तेमाल करने में विश्व का नेतृत्व कर सकता है? : डॉ. जितेंद्र सिंह

सारांश

भारत के केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने के लिए वैश्विक स्तर पर नेतृत्व करने की भारत की क्षमता पर जोर दिया। यह जानना महत्वपूर्ण है कि भारत कैसे ग्रहीय संरक्षण के लिए एक विश्वव्यापी आंदोलन का नेतृत्व कर सकता है।

Key Takeaways

  • भारत का पर्यावरणीय नेतृत्व की दिशा में कदम बढ़ाना आवश्यक है।
  • जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक गठबंधन का गठन जरूरी है।
  • भविष्य की पीढ़ियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कानूनी ढांचे को अद्यतन करना चाहिए।
  • डीप ओशियन और अंतरिक्ष में अवैध खनन के खिलाफ कानूनी सुरक्षा आवश्यक है।

नई दिल्ली, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को यह बताया कि भारत सस्टेनेबल प्रैक्टिस में सक्रिय भागीदारी के साथ पर्यावरण का जिम्मेदारी से उपयोग करने में विश्व का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह सक्षम है।

उन्होंने जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय क्षरण एवं उभरती तकनीकों से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए एक वैश्विक गठबंधन के गठन का आह्वान किया। डॉ. सिंह ने कहा, "भारत 'ग्रहीय संरक्षण' के लिए एक वैश्विक आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।"

लखनऊ के CMS कानपुर रोड स्थित वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित 26वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ने 'क्लाइमेट जस्टिस एंड प्लेनेटरी स्टीवर्डशिप : लीगल फ्रेमवर्क फॉर एग्जिटेंशियल चैलेंजेस' विषय पर पैनल चर्चा के दौरान बताया कि आज न्यायाधीश संवैधानिक व्याख्या, वैज्ञानिक समझ और नैतिक जिम्मेदारी के चौराहे पर खड़े हैं, जिससे मानवता के भविष्य को आकार देने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है।

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने पहले ही कई भविष्य की ओर कदम बढ़ाते हुए मिशनों, जैसे डीप ओशियन मिशन और नेशनल क्वांटम मिशन में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है।"

डॉ. सिंह ने भारत और वैश्विक समुदाय से अपील की कि वे मौजूदा कानूनी ढांचे को अद्यतन करें, विशेष रूप से अंतरिक्ष और महासागरों में, जहाँ पारंपरिक कानून अब आधुनिक जटिलताओं का समाधान नहीं कर पा रहा है।

उन्होंने कहा कि जलवायु, ऊर्जा, अंतरिक्ष या पर्यावरण से संबंधित हर कानूनी निर्णय न केवल वर्तमान नागरिकों को, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को भी प्रभावित करता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भविष्य की पीढ़ियों के अधिकारों की रक्षा करने और ग्रहीय संरक्षण को बनाए रखने के लिए संविधानों, संधियों और न्यायालयीन निर्णयों में कर्तव्यों को शामिल किया जाना चाहिए।

उन्होंने चेतावनी दी कि जिस प्रकार अब चाँद पर अवैध खनन हो रहा है, उसी तरह डीप ओशियन में भी ऐसे खतरे मौजूद हैं, जहां महत्वपूर्ण खनिजों का भंडार है। कानूनी सुरक्षा उपायों के बिना, भविष्य में विवाद और पारिस्थितिकीय क्षति बढ़ सकती है।

Point of View

तब भारत को एक सशक्त नेता के रूप में उभरने की आवश्यकता है। यह न केवल हमारे देश के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए फायदेमंद होगा।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत कैसे पर्यावरण का जिम्मेदारी से इस्तेमाल कर सकता है?
भारत जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने के लिए तकनीकी विकास और वैश्विक सहयोग पर जोर देकर जिम्मेदारी से पर्यावरण का उपयोग कर सकता है।
क्या भारत वैश्विक स्तर पर नेतृत्व कर सकता है?
हाँ, डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, भारत सस्टेनेबल प्रैक्टिस में सक्रिय भागीदारी के साथ पर्यावरण का जिम्मेदारी से उपयोग करने में सक्षम है।
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