क्या भागलपुर के खिलाड़ी कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर उत्साहित हैं?

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क्या भागलपुर के खिलाड़ी कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर उत्साहित हैं?

सारांश

भागलपुर के खिलाड़ियों में कॉमनवेल्थ खेलों की मेजबानी को लेकर उत्साह है, जिसमें भारत को 20 साल बाद दूसरी बार यह मौका मिला है। डीएम और खिलाड़ियों का कहना है कि यह खेलों के प्रति बढ़ते उत्साह का प्रतीक है।

Key Takeaways

  • भारत को 2030 में कॉमनवेल्थ खेलों की मेज़बानी का अवसर मिला है।
  • भागलपुर के खिलाड़ियों में खेलों के प्रति उत्साह है।
  • बिहार सरकार ने खिलाड़ियों के लिए नई योजनाएं शुरू की हैं।
  • खेलों के प्रति बढ़ता उत्साह युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।
  • प्रधानमंत्री मोदी का खेलों को बढ़ावा देने का प्रयास जारी है।

भागलपुर, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कॉमनवेल्थ खेलों की मेजबानी के लिए अहमदाबाद को 2030 में चुना गया है, जो करीब 20 साल बाद भारत का दूसरा मौका है। इस पर बिहार के भागलपुर के डीएम, जिला खेल पदाधिकारी, एथलेटिक्स कोच और खिलाड़ी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं।

खिलाड़ियों का कहना है कि 2010 में आयोजित कॉमनवेल्थ खेलों में भारत ने लगभग 101 मेडल जीते थे। इस बार कुछ नया और अद्भुत अनुभव होगा। हाल ही में बिहार ने खेलो इंडिया गेम्स की मेजबानी की थी, जिससे खेलों के प्रति उत्साह बढ़ा है।

बिहार में स्पोर्ट्स एकेडमी और स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई है। भागलपुर के डीएम नवल किशोर चौधरी, जिला खेल पदाधिकारी जय नारायण कुमार, एथलेटिक्स कोच नसर आलम और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों ने कहा कि 20 साल बाद भारत को फिर से खेलों में अपनी पहचान बनाने का मौका मिलेगा।

नवल किशोर चौधरी ने कहा कि भागलपुर को खेलो इंडिया की मेजबानी का अवसर मिला था, जिससे खिलाड़ियों में बहुत उत्साह है। हम उन्हें बढ़ावा दे रहे हैं और कॉमनवेल्थ खेलों की तैयारी करवा रहे हैं। खेल विभाग की सहायता से हम खिलाड़ियों के लिए पंचायत और गांव स्तर पर मैदान उपलब्ध करा रहे हैं।

एथलेटिक्स कोच मोहम्मद नजर आलम ने गर्व व्यक्त किया कि भारत को दूसरी बार मेजबानी का अवसर मिला है। यह खेल के क्षेत्र में भारत की बढ़ती पहचान का संकेत है। ऐसे आयोजनों से खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ता है और मेडल की संख्या भी बढ़ेगी।

बिहार सरकार ने “मेडल लाओ, नौकरी पाओ” योजना शुरू की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का युवाओं के लिए दृष्टिकोण स्पष्ट है। गुजरात में खिलाड़ियों को बेहतरीन सुविधाएं मिली हैं और बिहार सरकार भी इसी दिशा में तेजी से कार्य कर रही है।

एथलीट मोहम्मद गुलरेज ने कहा कि सरकार खेलों के प्रति गंभीर है। कॉमनवेल्थ खेलों से पहले ओलंपिक भी होने वाले हैं, और ये आयोजन बच्चों को प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खेल को बढ़ावा दे रहे हैं।

नेशनल एथलीट चेतन आनंद ने कहा कि अब भारत में खेलों को महत्व दिया जा रहा है। खेलो इंडिया ने गरीबों को भी खेलने का अवसर दिया है, और प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया।

भागलपुर के स्पोर्ट्स ऑफिसर जय नारायण कुमार ने कहा कि यह भारत के लिए गर्व का क्षण है कि हमें कॉमनवेल्थ खेलों की मेजबानी करने का मौका मिला है। पूरा देश इस जिम्मेदारी पर खुश है।

Point of View

वह न केवल स्थानीय खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक अवसर है। प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं के तहत खेलों को जो बढ़ावा मिल रहा है, वह युवाओं को नई दिशा दे सकता है। यह एक सकारात्मक दिशा में बढ़ता कदम है।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

कॉमनवेल्थ खेलों की मेज़बानी कब होगी?
कॉमनवेल्थ खेलों की मेज़बानी 2030 में अहमदाबाद में होगी।
भारत ने पिछले कॉमनवेल्थ खेलों में कितने मेडल जीते थे?
भारत ने 2010 में आयोजित कॉमनवेल्थ खेलों में लगभग 101 मेडल जीते थे।
भागलपुर में खेलों के प्रति क्या उत्साह है?
भागलपुर के खिलाड़ी और अधिकारी कॉमनवेल्थ खेलों की मेज़बानी को लेकर बहुत उत्साहित हैं।
बिहार सरकार ने खिलाड़ियों के लिए कौन सी योजनाएं शुरू की हैं?
बिहार सरकार ने “मेडल लाओ, नौकरी पाओ” योजना शुरू की है।
क्या भागलपुर में खेल अकादमी है?
हाँ, बिहार में स्पोर्ट्स एकेडमी और स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी शुरू हुई हैं।
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