क्या भारत का पीसी निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में 114 प्रतिशत बढ़ा?
सारांश
Key Takeaways
- पीसी निर्यात में 114.7% की वृद्धि
- अमेरिका और यूएई प्रमुख बाजार
- चीन के सामान पर अमेरिका का प्रतिबंध
- वाणिज्य मंत्रालय का डेटा
- भारत की प्रतिस्पर्धी क्षमता
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का पर्सनल कम्यूटर्स (पीसी) का निर्यात अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच सालाना आधार पर 114.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 317.6 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 147.9 मिलियन डॉलर था। यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए डेटा में दी गई है।
वैश्विक उतार-चढ़ाव और टैरिफ के बावजूद, अमेरिका भारत के पीसी निर्यात के लिए प्रमुख बाजार बना हुआ है। अमेरिका को भारत का निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में छह गुना बढ़कर 37.2 मिलियन डॉलर हो गया है, जो कि पिछले वर्ष इसी अवधि में 5.5 मिलियन डॉलर था।
इस वृद्धि का मुख्य कारण अमेरिका द्वारा चीन में बने सामान के आयात को कम करने का प्रयास माना जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, यूएई, रूस और अन्य एशियाई देशों जैसे बांग्लादेश और श्रीलंका में भी भारत में बने पीसी की मांग बढ़ रही है।
यूएई भारत में बने पीसी का सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है। यहाँ भारतीय पीसी का निर्यात बढ़कर 210.1 मिलियन डॉलर हो गया है, जो कि पिछले वर्ष इसी अवधि में 80.8 मिलियन डॉलर था। भारत के पीसी निर्यात में हुई वृद्धि में से लगभग 65 प्रतिशत वृद्धि अकेले यूएई से हुई है।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, "पश्चिम एशिया और अफ्रीका के लिए पुनर्निर्यात केंद्र के साथ-साथ घरेलू और क्षेत्रीय आईटी की मांग में धीरे-धीरे हो रही वृद्धि, यूएई को भारत के बढ़ते पीसी निर्यात को समर्थन दे रही है। भारत की प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण और असेंबली क्षमताएं भी बाजार में इसकी पकड़ मजबूत करने में सहायक हो सकती हैं।"
वैश्विक अस्थिरता के बीच, भारत का प्रदर्शन चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में काफी मजबूत रहा है और इस दौरान देश का निर्यात अब तक के उच्चतम स्तर पर रहा है।
लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर अवधि) में देश ने 418.6 अरब डॉलर का निर्यात किया है, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि के 395.7 अरब डॉलर से अधिक है और यह निर्यात का अब तक का सबसे मजबूत आंकड़ा है।