क्या भारत डिजिटल इंडिया से डीप टेक के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है? : पीएम मोदी
 
                                सारांश
Key Takeaways
- भारत ने डिजिटल इंडिया से लेकर डीप टेक में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
- प्रधानमंत्री मोदी की लीडरशीप में भारत ने साइंस और टेक्नोलॉजी में उल्लेखनीय प्रगति की है।
- यूपीआई क्रांति ने डिजिटल पेमेंट्स को बदल दिया है।
- भारत अब एआई के क्षेत्र में एक ग्लोबल लीडर के रूप में उभर रहा है।
- बायोइकोनॉमी में तेज वृद्धि हुई है, जो 2024 में 165.7 अरब डॉलर तक पहुँचने की संभावना है।
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने डिजिटल इंडिया से लेकर डीप टेक, चंद्रयान से लेकर बायोइकोनॉमी और अन्य क्षेत्रों में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से शुक्रवार को साझा की गई।
केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के एक लेख को साझा करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "हम सभी के प्रयासों से, हमारा देश साइंस और इनोवेशन में ग्लोबल लीडरशीप को पुनर्परिभाषित कर रहा है और एक आत्मविश्वास से भरा आत्मनिर्भर भारत अब दुनिया को प्रेरित कर रहा है।"
आर्टिकल में जितेंद्र सिंह ने उल्लेख किया कि वर्तमान में भारत केवल फॉलोअर नहीं रहा है, बल्कि अन्य देशों को अपनी टेक्नोलॉजी के माध्यम से प्रेरित कर रहा है।
उन्होंने आगे लिखा कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशीप में देश ने साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में बड़ी बढ़त हासिल की है, जिसमें डिजिटल सशक्तीकरण से लेकर स्पेस एक्सप्लोरेशन शामिल हैं।
यूपीआई क्रांति ने डिजिटल पेमेंट्स को वैश्विक स्तर पर पुनर्परिभाषित किया है। भारत की बायोइकोनॉमी में पिछले 10 वर्षों में तेज वृद्धि देखी गई है जो 2024 में 165.7 अरब डॉलर तक पहुँच गई है, जबकि 2014 में यह 10 अरब डॉलर थी।
सिंह के अनुसार, चंद्रयान और गगनयान मिशनों ने अंतरिक्ष यात्रा करने वाले देशों के बीच भारत की स्थिति मजबूत कर दी है, जबकि 5जी की शुरुआत और डिजिटल कूटनीति ने कनेक्टिविटी और सशक्तिकरण को अंतिम छोर तक पहुँचाया है। भारत अब एआई के क्षेत्र में एक ग्लोबल लीडर के रूप में उभर रहा है, जो यह सुनिश्चित करता है कि कृषि से लेकर स्वास्थ्य सेवा और शासन तक, हर क्षेत्र में इंटेलिजेंस और इनोवेशन पहुँचें।
हाल ही में बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट में कहा गया कि इस वर्ष दीपावली से दशहरा तक के फेस्टिव सीजन में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए खर्च बढ़कर 17.8 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 15.1 लाख करोड़ रुपए से 17 प्रतिशत अधिक है। यह दिखाता है कि लोग तेजी से डिजिटल की ओर बढ़ रहे हैं।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            