क्या भारत में सॉवरेन वेल्थ फंड्स ने वित्त वर्ष 25 में 8,426 करोड़ रुपए का निवेश किया?

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क्या भारत में सॉवरेन वेल्थ फंड्स ने वित्त वर्ष 25 में 8,426 करोड़ रुपए का निवेश किया?

सारांश

भारत में सॉवरेन वेल्थ फंड्स का निवेश लगातार बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 25 में, इन फंडों ने 8,426 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया है। यह निवेश दर्शाता है कि विदेशी निवेशक भारत की अर्थव्यवस्था में अपने विश्वास को मजबूत कर रहे हैं। जानिए इस निवेश की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • भारत में सॉवरेन वेल्थ फंड्स का निवेश बढ़ रहा है।
  • वित्त वर्ष 25 में 8,426 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश हुआ है।
  • वित्तीय सेवाओं ने सबसे अधिक निवेश आकर्षित किया है।
  • सरकार विदेशी निवेश को प्रोत्साहित कर रही है।
  • भारत ग्लोबल फंड्स के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन सकता है।

नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत में विदेशी निवेशक लंबी अवधि के दृष्टिकोण से लगातार निवेश कर रहे हैं और वित्त वर्ष 25 में भी यह सिलसिला जारी है। सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि देश में सॉवरेन वेल्थ फंड्स (एसडब्ल्यूएफ) ने पिछले वित्त वर्ष में 8,426 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया है।

सॉवरेन वेल्थ फंड्स का बढ़ता निवेश देश की अर्थव्यवस्था में निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि वित्त वर्ष 24 में इन फंड्स ने 47,604 करोड़ रुपए का निवेश किया था, जबकि वित्त वर्ष 23 में यह आंकड़ा 15,446 करोड़ रुपए रहा।

वहीं, वित्त वर्ष 22 में इन फंड्स ने 3,825 करोड़ रुपए की निकासी की थी।

पिछले कुछ वर्षों में ग्लोबल सॉवरेन और पेंशन फंडों ने भारतीय बाजार में निरंतर रुचि दिखाई है, जो इसे सबसे आशाजनक उभरते बाजारों में से एक के रूप में रेखांकित करता है।

सेक्टर के आधार पर, वित्तीय सेवाओं ने वित्त वर्ष 22 और वित्त वर्ष 25 के बीच सबसे अधिक 28,562 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया है, इसके बाद आईटी ने 19,135 करोड़ रुपए, हेल्थकेयर ने 7,830 करोड़ रुपए और दूरसंचार ने 7,053 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया है।

यह सेक्टर टेक्नोलॉजी, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और हेल्थकेयर इनोवेशन में भारत की मजबूती को दर्शाते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह का स्थिर निवेश महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लंबे समय तक रुकने वाला निवेश होता है जो भारत की ग्रोथ स्टोरी को सपोर्ट करता है।

सरकार द्वारा सुधारों, इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास और डिजिटल विस्तार पर जोर दिए जाने के कारण आने वाले वर्षों में भारत ग्लोबल फंड्स के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना रहने की संभावना है।

वित्त मंत्री ने आगे बताया कि एसडब्ल्यूएफ और पेंशन फंडों से एफडीआई प्रवाह पर अलग से नजर नहीं रखी जाती है, लेकिन उनके पोर्टफोलियो निवेश की क्षेत्रवार निगरानी की जाती है।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने दीर्घकालिक विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कर छूट, नियामकीय रियायतें और एफडीआई नियमों को आसान बनाया है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, "वर्तमान में देश में 95 प्रतिशत से अधिक एफडीआई ऑटोमेटिक रूट से आती है, साथ ही केंद्रीय बजट 2025 में बीमा में एफडीआई सीमा को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत की अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेश का बढ़ता प्रवाह अच्छे संकेत हैं। यह न केवल हमारे बाजार की स्थिरता को दर्शाता है बल्कि आने वाले समय में भारत को ग्लोबल निवेश का केंद्र भी बना सकता है। हमें इस दिशा में सक्रिय प्रयास करने की आवश्यकता है।
NationPress
18/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत में सॉवरेन वेल्थ फंड्स का क्या महत्व है?
सॉवरेन वेल्थ फंड्स का निवेश भारत की अर्थव्यवस्था में विश्वास को दर्शाता है और यह देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
क्या सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कोई कदम उठाए हैं?
हाँ, सरकार ने कर छूट, नियामकीय रियायतें और एफडीआई नियमों को आसान बनाया है ताकि दीर्घकालिक विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया जा सके।