क्या भारतीय आईटी सेक्टर वित्त वर्ष 27 में 6-7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकता है?

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क्या भारतीय आईटी सेक्टर वित्त वर्ष 27 में 6-7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकता है?

सारांश

एचएसबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय आईटी सेक्टर के लिए वित्त वर्ष 27 में 6-7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, खर्च में सुधार की उम्मीद है। जानें इस रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्षों के बारे में।

Key Takeaways

  • भारतीय आईटी सेक्टर को वित्त वर्ष 27 में 6-7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
  • अमेरिकी कंपनियों के मजबूत वित्तीय परिणाम कारोबारी माहौल को दर्शाते हैं।
  • क्लाउड पर स्थानांतरण से उत्पादकता में सुधार हुआ है।
  • भारतीय आईटी का वैश्विक आईटी खर्च में लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा है।
  • अगले दो-तीन वर्षों में कोई खास बदलाव की संभावना नहीं है।

नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च ने बताया है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, भारतीय आईटी सेक्टर वित्त वर्ष 27 में 6-7 प्रतिशत की वृद्धि हासिल कर सकता है।

रिपोर्ट में मध्यम से दीर्घावधि में, स्थिर मुद्रा में भारतीय आईटी उद्योग के लिए 3-5 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) की उम्मीद जताई गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, "अमेरिकी कंपनियों के हालिया वित्तीय परिणामों ने एक मजबूत कारोबारी माहौल को दर्शाया है।"

निष्कर्षों में कहा गया है, "हम मानते हैं कि इन कॉर्पोरेट ग्राहकों का अच्छा वित्तीय प्रदर्शन होने के बावजूद, टैरिफ अनिश्चितता और कंपनियों द्वारा निवेश में कमी के कारण वृहद परिवेश को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।"

जैसे-जैसे कारोबारी माहौल में विश्वास बढ़ता है, हमें खर्च में कुछ सुधार की उम्मीद है। इसलिए, वित्त वर्ष 27 में भारतीय आईटी के लिए 6-7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान अभी भी संभव है।

भारतीय आईटी सेक्टर के लगभग दो-तिहाई राजस्व का स्रोत एप्लिकेशन विकास, रखरखाव और परीक्षण सेवाएं हैं। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र की उत्पादकता में निरंतर सुधार हो रहा है।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, "पिछले दो-तीन वर्षों के दौरान, क्लाउड पर स्थानांतरण के बाद सुधार की एक लहर देखी गई है। जैसे-जैसे पुराने उच्च रखरखाव वाले एप्लिकेशन माइक्रो-सर्विसेज में परिवर्तित हुए और क्लाउड पर होस्ट किए गए, डाउनस्ट्रीम रखरखाव कार्य में कमी आई है। हाल के महीनों में, विकास लागत पर एआई के प्रभाव ने राजस्व वृद्धि को प्रभावित किया है। हमारा मानना है कि अगले दो-तीन वर्षों में इस प्रवृत्ति में कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है।"

वैश्विक आईटी खर्च में भारतीय आईटी का हिस्सा अब काफी महत्वपूर्ण हो गया है (राजस्व में लगभग 20 प्रतिशत और मात्रा में 35-40 प्रतिशत) और उसी गति से बढ़ना मुश्किल है। वृद्धिशील राजस्व वृद्धि पिछले वर्षों के अनुरूप है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "बड़ी कंपनियों के दृष्टिकोण से, जीसीसी (ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स) का प्रभाव संरचनात्मक रहा है और इसके उलट होने की संभावना कम है। हालांकि, हम जीसीसी में वृद्धि में कुछ नरमी देख रहे हैं, लेकिन इस चक्र के उलटने की संभावना कम है।"

इसके अनुसार, "अमेरिकी कंपनियों के मजबूत नतीजों के साथ, हमें उम्मीद है कि मांग में कुछ तेजी आएगी क्योंकि कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए तकनीक में निवेश जारी रखना होगा। इसलिए, हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 2027 में 6-7 प्रतिशत की वृद्धि दर में सुधार अभी भी संभव है।"

Point of View

वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, भारतीय आईटी सेक्टर में वृद्धि की संभावनाएँ बनी हुई हैं। यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है, और हमें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र और भी मजबूत होगा।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय आईटी सेक्टर की वृद्धि का मुख्य कारण क्या है?
भारतीय आईटी सेक्टर की वृद्धि का मुख्य कारण अमेरिकी कंपनियों के मजबूत वित्तीय परिणाम और खर्च में सुधार की उम्मीद है।
फायदा होने की संभावना कितनी है?
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 27 में 6-7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान अभी भी संभव है।