क्या दिल्ली-एनसीआर देश का सबसे बड़ा थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स हब बन गया है?

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क्या दिल्ली-एनसीआर देश का सबसे बड़ा थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स हब बन गया है?

सारांश

दिल्ली-एनसीआर ने अपनी मजबूत बुनियादी ढाँचे और तेजी से बढ़ते ई-वाणिज्य क्षेत्र के कारण थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स के लिए सबसे बड़े हब के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की है। जानें इस क्षेत्र में आगे क्या होने वाला है।

Key Takeaways

  • दिल्ली-एनसीआर का थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स क्षेत्र 25 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है।
  • 3पीएल कंपनियाँ सम्पूर्ण सप्लाई चेन का प्रबंधन करती हैं।
  • टियर-II और III शहर भी विकास के नए केंद्र बन रहे हैं।
  • 2021 से 2025 के बीच 3पीएल कंपनियों का हिस्सा 30 प्रतिशत से अधिक रहा है।
  • स्मार्ट और ऑटोमेटेड वेयरहाउसिंग की ओर बढ़ रहा है।

नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली-एनसीआर अब भारत में सबसे बड़ा थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स हब के रूप में उभरा है। 2021 से आज तक, इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की कुल लीजिंग गतिविधियों में इसका हिस्सा एक-चौथाई, यानी 25 प्रतिशत, है। यह जानकारी हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है।

इस रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के बाद मुंबई का हिस्सा 24 प्रतिशत और बेंगलुरु का हिस्सा 16 प्रतिशत है।

सीबीआरई की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है, "चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद सहित शीर्ष छह शहरों ने 2021 से इस वर्ष की पहली छमाही के बीच कुल 3पीएल लीजिंग गतिविधियों का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा लिया।"

3पीएल कंपनियां अपने ग्राहकों की सम्पूर्ण सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स संचालन का प्रबंधन करती हैं, जिससे उन्हें अपने मुख्य व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। ये कंपनियां देश के लॉजिस्टिक्स रियल एस्टेट बाजार में सबसे बड़ी मांग बढ़ाने वाले कारक बन गई हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 2021 और 2024 के बीच, इन कंपनियों ने इस क्षेत्र की कुल लीजिंग गतिविधियों का 40-50 प्रतिशत हिस्सा लिया। 2025 की पहली छमाही में इनका हिस्सा 30 प्रतिशत से अधिक था।

सीबीआरई इंडिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के चेयरमैन और सीईओ अंशुमन मैगजीन ने कहा, "दिल्ली-एनसीआर की रणनीतिक स्थिति, मजबूत बुनियादी ढाँचा और तेजी से विकसित होता ई-कॉमर्स क्षेत्र इसे इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण हब बना देते हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "हालांकि, टियर-II और टियर-III शहर भी नए विकास केंद्र के रूप में उभर रहे हैं। इन शहरों में बढ़ती खपत और कम भूमि लागत के कारण 3पीएल कंपनियों को मेट्रो शहरों से आगे बढ़ने और उपभोक्ता केंद्रों के निकट स्थानीय हब स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।"

रिपोर्ट के अनुसार, सर्वे की गई 3पीएल कंपनियों में से लगभग 76 प्रतिशत अब अपने लॉजिस्टिक्स संचालन में वेयरहाउस मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रही हैं।

इसके अतिरिक्त, 3पीएल कंपनियां इंटरनेट ऑफ थिंग्स सेंसर, कन्वेयर और सॉर्टेशन सिस्टम तथा गुड्स-टू-पर्सन पिकिंग सिस्टम जैसी तकनीकों को अपनाने में लगी हुई हैं, जो स्मार्ट और ऑटोमेटेड वेयरहाउस की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।

2021 से 2025 की पहली छमाही के दौरान, 3पीएल फर्मों ने भारत में मूल्य और मात्रा को लेकर 1,00,000 वर्ग फुट से अधिक के 'बिग-बॉक्स' लीजिंग की मुख्य वजह बनीं।

यह ई-कॉमर्स, रिटेल और मैन्युफैक्चरिंग की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए स्केलेबल और भविष्य-तैयार वेयरहाउसिंग समाधान की बढ़ती आवश्यकता को दर्शाता है।

सीबीआरई इंडिया के लीजिंग सेवाओं के प्रबंध निदेशक राम चंदनानी ने कहा, "यह रणनीति कंपनियों को तेजी से स्केल करने और लागत को कम करने में मदद करती है।"

Point of View

दिल्ली-एनसीआर की बढ़ती आर्थिक गतिविधियों और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में योगदान ने इसे एक महत्वपूर्ण केंद्र बना दिया है। हालांकि, टियर-II और टियर-III शहरों में भी विकास की संभावनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
NationPress
29/09/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली-एनसीआर में थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स का क्या महत्व है?
दिल्ली-एनसीआर का थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स क्षेत्र देश के अन्य शहरों की तुलना में सबसे बड़ा है, जो इसमें 25 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है।
3पीएल कंपनियाँ क्या होती हैं?
3पीएल कंपनियाँ अपने ग्राहकों के लिए सम्पूर्ण सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स संचालन का प्रबंधन करती हैं।
दिल्ली-एनसीआर के बाद कौन से शहर थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स में आगे हैं?
दिल्ली-एनसीआर के बाद मुंबई और बेंगलुरु क्रमशः 24 प्रतिशत और 16 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ आते हैं।