क्या जीएसटी में कटौती से दोपहिया वाहनों की मांग में 200 और यात्री वाहनों की मांग में 100 आधार अंक की वृद्धि होगी?

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क्या जीएसटी में कटौती से दोपहिया वाहनों की मांग में 200 और यात्री वाहनों की मांग में 100 आधार अंक की वृद्धि होगी?

सारांश

क्या जीएसटी में कटौती से दोपहिया और यात्री वाहनों की मांग में वृद्धि होगी? रिपोर्ट के अनुसार, 200 बीपीएस और 100 बीपीएस का उछाल संभव है, जिससे बिक्री में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है। जानें इस बदलाव के पीछे की वजहें और ऑटोमोबाइल उद्योग पर इसका असर।

Key Takeaways

  • जीएसटी कटौती से दोपहिया और यात्री वाहनों की मांग में वृद्धि की संभावना है।
  • वाहनों की कीमतों में 5-10 प्रतिशत की गिरावट आएगी।
  • ऑटोमोबाइल उद्योग में 5-6 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि की आशा है।
  • सरलीकृत स्लैब अनुपालन से व्यवसायों को लाभ होगा।
  • त्योहारी सीजन में मार्केट सेंटीमेंट को बढ़ावा मिलेगा।

नई दिल्ली, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। घरेलू ऑटोमोबाइल उद्योग में कुल कारोबार का 90 प्रतिशत हिस्सा रखने वाले दोपहिया और यात्री वाहनों (पीवी) की मांग में क्रमशः 200 आधार अंक (बीपीएस) और 100 आधार अंक की वृद्धि की संभावना है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई।

इसके परिणामस्वरूप, इस वित्त वर्ष में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 5-6 प्रतिशत की वृद्धि होने की आशा है, जबकि पीवी की बिक्री में 2-3 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।

क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, वस्तु एवं सेवा कर परिषद का 22 सितंबर से प्रभावी 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-दर संरचना अपनाने का निर्णय सही समय पर उठाया गया कदम है, जिससे ऑटोमोबाइल की मांग में फिर से तेजी आएगी।

मांग में सुधार के साथ-साथ, सरलीकृत स्लैब अनुपालन को भी सुव्यवस्थित किया जाएगा और सुगम अंतरराज्यीय कराधान के माध्यम से लॉजिस्टिक्स लागत को कम किया जाएगा, जिससे वैल्यू चेन में लाभप्रदता को बढ़ावा मिलेगा।

क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर अनुज सेठी ने कहा, "जीएसटी कटौती का पूरा लाभ मिलने से वाहनों की कीमतों में 5-10 प्रतिशत (छोटे पीवी पर 30,000-60,000 रुपए; दोपहिया वाहनों पर 3,000-7,000 रुपए) की गिरावट आने की उम्मीद है।"

नवरात्रि और त्योहारी सीजन के साथ दरों में कटौती होने से, मार्केट सेंटीमेंट को समय रहते बढ़ावा मिलेगा। नए लॉन्च, कम ब्याज दरों और बेहतर अफोर्डिबिलिटी के साथ, इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए दूसरी छमाही में मजबूती आनी चाहिए।

संशोधित जीएसटी स्ट्रक्चर के तहत, छोटे पीवी, 350 सीसी तक के दोपहिया वाहन (इस सेगमेंट की बिक्री का लगभग 90 प्रतिशत), वाणिज्यिक वाहन (सीवी) और तिपहिया वाहनों पर दरें 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो जाएंगी।

मध्यम और बड़े आकार के पीवी वाहनों पर भी 3-7 प्रतिशत की कटौती होगी, जबकि ट्रैक्टरों पर कर की दर क्रमशः 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत हो जाएगी।

सीवी के लिए, कम जीएसटी 1 अक्टूबर, 2025 से अनिवार्य एसी केबिन की आवश्यकता से होने वाले लागत दबाव की भरपाई करेगा।

इसके विपरीत, 350 सीसी से अधिक की मोटरसाइकिलों पर कर की दर में वृद्धि होगी, जो वर्तमान 31 प्रतिशत की तुलना में 40 प्रतिशत की विशेष दर पर आ जाएगी, जिसमें क्षतिपूर्ति उपकर भी शामिल है, जिससे वे महंगी हो जाएंगी।

क्रिसिल रेटिंग्स की डायरेक्टर पूनम उपाध्याय ने कहा, "अधिक उत्पादन 'क्षमता उपयोग' और 'परिचालन क्षमता' में सुधार करेगा, जिससे वाहन निर्माताओं के लिए नकदी प्रवाह और बेहतर मार्जिन बढ़ेगा, जिससे उनकी पहले से ही स्थिर क्रेडिट प्रोफाइल मजबूत होगी।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि जीएसटी में कटौती से ऑटोमोबाइल उद्योग को एक नई दिशा मिलेगी। मांग में वृद्धि से न केवल उद्योग को मजबूती मिलेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी बेहतर मूल्य प्राप्त होगा। यह कदम देश की आर्थिक मजबूती में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी में कटौती से दोपहिया वाहनों की मांग पर क्या असर होगा?
रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी में कटौती से दोपहिया वाहनों की मांग में 200 आधार अंक की वृद्धि की संभावना है।
क्या यात्री वाहनों की मांग में भी वृद्धि होगी?
हां, यात्री वाहनों की मांग में 100 आधार अंक की वृद्धि की उम्मीद है।
जीएसटी कटौती का लाभ कब मिलेगा?
जीएसटी में कटौती 22 सितंबर से प्रभावी होगी।
इस कटौती से वाहनों की कीमतों पर क्या असर पड़ेगा?
वाहनों की कीमतों में 5-10 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना है।
क्या यह बदलाव ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है?
हां, यह बदलाव ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिससे बिक्री में वृद्धि हो सकती है।