क्या वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में भारत में खपत में तेजी आएगी?

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क्या वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में भारत में खपत में तेजी आएगी?

सारांश

भारत में खपत में तेज सुधार की संभावना है, जो जीएसटी में कटौती और ब्याज दरों में कमी से प्रेरित है। क्या यह वृद्धि दर को 7 प्रतिशत तक पहुंचा सकेगी? जानिए इस रिपोर्ट में क्या कहा गया है।

Key Takeaways

  • जीएसटी में कटौती से खपत में सुधार होगा।
  • ब्याज दरों में कमी का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  • घरेलू आय में वृद्धि से मांग बढ़ेगी।
  • महंगाई दर में गिरावट राहत देगी।
  • रिजर्व बैंक की नीतियों से बाजार में सुधार होगा।

नई दिल्ली, 9 अक्तूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में खपत में वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में तेज सुधार की संभावना है। इसका कारण जीएसटी में कटौती, ब्याज दरों में कमी और कर सुधार हैं। यह जानकारी हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में दी गई है।

एमपी फाइनेंशियल एडवाइजरी सर्विसेज एलएलपी (एमपीएफएएसएल) की रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 27 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत तक पहुँच सकती है। इसके पीछे सामान्य मानसून, घटती महंगाई, बढ़ती घरेलू आय, उधारी की घटती लागत और कम खुदरा कीमतें प्रमुख कारण हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नीतिगत दरों में कमी को ग्राहकों तक पहुँचाया जा रहा है। रिजर्व बैंक द्वारा एमसीएलआर में की गई एक प्रतिशत की कटौती में से केवल 0.20-0.30 प्रतिशत की कमी को ही बैंक द्वारा ग्राहकों को दिया गया है।

भारत में महंगाई दर 2025 के मध्य में घटकर 2.1 प्रतिशत हो गई है, जो अक्टूबर 2024 में 6.2 प्रतिशत थी। इसके साथ ही, खाद्य महंगाई दर भी कम होकर नकारात्मक हो गई है।

हालांकि, रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि खाद्य या ईंधन की कीमतों में अचानक वृद्धि महंगाई में राहत को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, कर रियायतों से उत्पन्न राजकोषीय दबावों को सावधानी से संभालने की आवश्यकता है। व्यापार तनाव और आपूर्ति-श्रृंखला में व्यवधान अभी भी चिंता का विषय बने हुए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, सिस्टम लिक्विडिटी, जो 2025 की शुरुआत में थोड़ी नकारात्मक थी, अब अगस्त में बढ़कर 3.97 लाख करोड़ रुपए हो गई है। इससे केंद्रीय बैंक द्वारा की गई रेपो रेट की कमी को पास करने में मदद मिलेगी।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वर्तमान में आरबीआई ने वित्त वर्ष 26 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, लेकिन कम महंगाई, अधिक लिक्विडिटी और जीएसटी सुधारों के संयुक्त प्रभाव से वित्त वर्ष 27 में वृद्धि दर 7 प्रतिशत तक पहुँचने की संभावना है।

Point of View

मैं यह मानता हूँ कि भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिख रहे हैं, लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिए। नीतिगत सुधार और स्थिरता से ही हम स्थायी विकास की ओर बढ़ सकते हैं।
NationPress
09/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत में खपत में तेजी क्यों आ रही है?
भारत में खपत में तेजी जीएसटी में कटौती, ब्याज दरों में कमी और टैक्स सुधारों के कारण हो रही है।
क्या जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत तक पहुँच सकती है?
हाँ, रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 27 में जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत तक पहुँचने की संभावना है।