क्या भारत का मानव-निर्मित फाइबर और टेक्निकल टेक्सटाइल निर्यात 2030 तक 100 अरब डॉलर पहुंच जाएगा?

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क्या भारत का मानव-निर्मित फाइबर और टेक्निकल टेक्सटाइल निर्यात 2030 तक 100 अरब डॉलर पहुंच जाएगा?

सारांश

भारत के मानव-निर्मित फाइबर और टेक्निकल टेक्सटाइल का निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। केंद्रीय मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने बताया कि 2030 तक निर्यात 100 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद है। जानें इस क्षेत्र के विकास की प्रेरक कहानी और भारत की वैश्विक स्थिति।

Key Takeaways

  • भारत का मानव-निर्मित फाइबर निर्यात तेजी से बढ़ रहा है।
  • 2030 तक निर्यात 100 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
  • भारत वैश्विक बाजार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन रहा है।
  • टेक्सटाइल मंत्रालय की नई पहलें उद्योग को प्रोत्साहित कर रही हैं।
  • उच्च गुणवत्ता के उत्पादों की मांग बढ़ रही है।

मुंबई, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का मानव-निर्मित फाइबर और टेक्निकल टेक्सटाइल का निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में क्रमश: 6.5 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्शा रहा है। यह संकेत करता है कि देश का टेक्सटाइल सेक्टर तेजी से प्रगति कर रहा है। यह जानकारी केंद्रीय टेक्सटाइल और विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा द्वारा साझा की गई।

उन्होंने आगे बताया कि हमारा उद्देश्य विकसित भारत 2047 विजन के तहत देश के टेक्सटाइल निर्यात को 2030 तक 100 अरब डॉलर और देश के टेक्सटाइल मार्केट को 350 अरब डॉलर का बनाना है।

साथ ही, उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजार में मांग तेजी से बढ़ रही है और भारत अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक बड़ी हिस्सेदारी के लिए तैयार है।

भारत उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान स्थापित कर रहा है और दुनिया के बड़े टेक्सटाइल आयातकों के लिए एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में उभर रहा है।

मार्गेरिटा ने मुंबई में मैनमेड एंड टेक्निकल टेक्सटाइल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एमएटीईएक्सआईएल) के 2023–24 और 2024–25 के एक्सपोर्ट अवॉर्ड फंक्शन में कहा, “टेक्सटाइल की ग्लोबल डिमांड अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर है, और दुनिया तेजी से हाई-परफॉर्मेंस, फंक्शनल और सस्टेनेबल मटीरियल की तरफ बढ़ रही है। भारत इस बदलाव का जवाब मजबूती और आत्मविश्वास के साथ दे रहा है।”

केंद्रीय मंत्री ने टेक्निकल टेक्सटाइल में एक्सपोर्ट एक्सीलेंस के लिए अवार्ड भी दिए। इस सेक्टर के लगभग 80 बेहतरीन परफॉर्मर्स को विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया।

मार्गेरिटा ने कहा कि यह समारोह केवल विजेताओं को पहचानने के लिए नहीं था, बल्कि हर उस वर्कर, इंजीनियर, डिजाइनर, एंटरप्रेन्योर और एक्सपोर्टर को पहचानने के लिए था जो टेक्सटाइल सेक्टर को आगे बढ़ाते हैं।

उन्होंने कहा, “आपका काम लाखों परिवारों को ताकत देता है और हमारे देश को गर्व महसूस कराता है।”

केंद्रीय मंत्री के अनुसार, देश मानव निर्मित फाइबर और टेक्निकल टेक्सटाइल में सस्टेनेबल और एडवांस्ड मटीरियल की ओर वैश्विक बदलाव में सबसे आगे है।

टेक्सटाइल मंत्रालय ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना और नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन जैसी परिवर्तनकारी पहलों को लागू किया है, जो मूल्य श्रृंखला के हर चरण पर क्षमताओं को बढ़ा रही हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत का मानव-निर्मित फाइबर और टेक्निकल टेक्सटाइल क्षेत्र न केवल आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, बल्कि यह वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी अग्रणी बना हुआ है। सरकार की पहल और उद्योग की सहयोग से यह क्षेत्र तेजी से प्रगति कर रहा है, जो हमारे देश की आर्थिक स्थिरता के लिए सकारात्मक संकेत है।
NationPress
20/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत का मानव-निर्मित फाइबर और टेक्निकल टेक्सटाइल निर्यात कब बढ़ेगा?
भारत का निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में क्रमश: 6.5 प्रतिशत और 15 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।
भारत का टेक्सटाइल निर्यात 2030 तक कितना होगा?
केंद्रीय मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा के अनुसार, भारत का टेक्सटाइल निर्यात 2030 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
भारत वैश्विक बाजार में कैसे प्रतिस्पर्धा कर रहा है?
भारत उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के जरिए वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है।
टेक्सटाइल मंत्रालय ने कौन सी पहल की है?
टेक्सटाइल मंत्रालय ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम और नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन जैसी पहलों को लागू किया है।
टेक्सटाइल सेक्टर में पुरस्कार किसने दिए?
केंद्रीय मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने टेक्निकल टेक्सटाइल में एक्सपोर्ट एक्सीलेंस के लिए पुरस्कार दिए।
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