क्या भारत का राजकोषीय घाटा अप्रैल-नवंबर अवधि में बजट लक्ष्य का 62.3 प्रतिशत रहा?

Click to start listening
क्या भारत का राजकोषीय घाटा अप्रैल-नवंबर अवधि में बजट लक्ष्य का 62.3 प्रतिशत रहा?

सारांश

भारत का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2025-26 में अप्रैल से नवंबर तक बढ़कर 9.77 लाख करोड़ रुपए हो गया है। यह आंकड़ा सरकार द्वारा जारी किया गया है और इससे वित्तीय स्थिति की गंभीरता का संकेत मिलता है। जानिए इससे जुड़े सभी महत्वपूर्ण तथ्य।

Key Takeaways

  • राजकोषीय घाटा 9.77 लाख करोड़ रुपए पर पहुँच गया है।
  • यह 62.3 प्रतिशत बजट लक्ष्य के बराबर है।
  • केंद्र का राजस्व घाटा 3.57 लाख करोड़ रुपए है।
  • कुल खर्च 29.25 लाख करोड़ रुपए रहा है।
  • राजस्व प्राप्तियां 19.49 लाख करोड़ रुपए हैं।

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2025-26 में अप्रैल-नवंबर की अवधि में बढ़कर 9.77 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। यह जानकारी शुक्रवार को सरकार द्वारा प्रदान की गई।

सरकार ने बताया कि देश का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में वित्त वर्ष 26 के लक्ष्य के 62.3 प्रतिशत पर पहुँच गया है, जो एक वर्ष पहले की समान अवधि में 52.5 प्रतिशत था।

केंद्र का राजस्व घाटा अप्रैल-नवंबर की अवधि में 3.57 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 68.2 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 61.5 प्रतिशत था।

वित्त वर्ष 26 के पहले आठ महीनों में सरकार का कुल खर्च 29.25 लाख करोड़ रुपए रहा, जो वित्त वर्ष 26 के लक्ष्य का 57.8 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 56.9 प्रतिशत था।

समीक्षा अवधि के कुल खर्च में से 6.58 लाख करोड़ रुपए पूंजीगत खर्च रहा, जो वार्षिक लक्ष्य का 58.7 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 46.2 प्रतिशत था।

कुल राजस्व खर्च में से 7.45 लाख करोड़ रुपए ब्याज भुगतान और 2.88 लाख करोड़ रुपए सब्सिडी भुगतान पर खर्च किए गए हैं।

वित्त वर्ष 26 की अप्रैल-नवंबर अवधि में कुल प्राप्तियां 19.49 लाख करोड़ रुपए रही हैं, जो वित्त वर्ष 26 के लक्ष्य का 55.7 प्रतिशत है।

इसमें 13.93 लाख करोड़ रुपए की कर आय, 5.16 लाख करोड़ रुपए की गैर-कर आय, और 38,927 करोड़ रुपए की गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियां शामिल हैं।

सरकार ने बताया कि इस अवधि में भारत सरकार ने राज्य सरकारों को कर के हिस्से के तौर पर 9.36 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर किए हैं, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 1.24 लाख करोड़ रुपए अधिक है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम इस प्रकार के आंकड़ों का ध्यानपूर्वक विश्लेषण करें। भारत की आर्थिक स्थिरता में राजकोषीय घाटा एक महत्वपूर्ण संकेतक है। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि यह घाटा हमारे देश की आर्थिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

राजकोषीय घाटा क्या होता है?
राजकोषीय घाटा वह अंतर है जो सरकार की कुल व्यय और कुल राजस्व में होता है।
भारत का वर्तमान राजकोषीय घाटा कितना है?
भारत का वर्तमान राजकोषीय घाटा 9.77 लाख करोड़ रुपए है।
राजस्व घाटा क्या है?
राजस्व घाटा वह राशि है जो सरकार की कुल आय और खर्च के बीच में होती है।
यह घाटा क्यों बढ़ा है?
घाटा बढ़ने के पीछे विभिन्न आर्थिक कारण हो सकते हैं, जैसे कि खर्च में वृद्धि और राजस्व में कमी।
राजकोषीय घाटा अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करता है?
राजकोषीय घाटा देश की आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है, जिससे निवेश और विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
Nation Press