क्या आईएसएमए ने सरकार से इथेनॉल आयात पर प्रतिबंध जारी रखने का आग्रह किया?

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क्या आईएसएमए ने सरकार से इथेनॉल आयात पर प्रतिबंध जारी रखने का आग्रह किया?

सारांश

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने सरकार से इथेनॉल आयात पर प्रतिबंध को जारी रखने की अपील की है, जिससे गन्ना किसानों को लाभ मिल रहा है। क्या यह कदम भारतीय इथेनॉल उद्योग के लिए सही है?

Key Takeaways

  • इथेनॉल आयात पर प्रतिबंध जारी रखना आवश्यक है।
  • गन्ना किसानों की आय में वृद्धि हुई है।
  • स्वदेशी इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा मिला है।
  • प्रधानमंत्री का नेतृत्व महत्वपूर्ण है।
  • गन्ना भुगतान में सुधार हुआ है।

नई दिल्ली, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (आईएसएमए) ने सरकार से इथेनॉल आयात पर प्रतिबंध को जारी रखने की अपील की है। वर्तमान में, इथेनॉल का उपयोग पेट्रोल में मिश्रण के लिए किया जा रहा है, जिससे गन्ना किसानों को लाभ मिल रहा है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में, आईएसएमए ने उन मीडिया रिपोर्ट्स का उल्लेख किया है, जिनमें अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता के दौरान इथेनॉल आयात पर प्रतिबंध हटाने का विचार किया गया है।

पत्र में यह भी कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति के कारण इथेनॉल आयात को 'प्रतिबंधित' श्रेणी में रखा गया है। इसने एक आत्मनिर्भर घरेलू इथेनॉल अर्थव्यवस्था की नींव रखी है।

पत्र के अनुसार, ब्याज अनुदान योजनाओं और अनुकूल नियामक ढांचे ने देशभर में स्वदेशी इथेनॉल क्षमताओं की स्थापना को बढ़ावा दिया है।

इन पहलुओं ने गन्ना किसानों के समय पर भुगतान और उनकी आय में वृद्धि, आयातित कच्चे तेल पर भारत की निर्भरता को कम करने और स्वच्छ एवं टिकाऊ जैव ईंधन को बढ़ावा देने में मदद की है।

पत्र में कहा गया है कि समन्वित प्रयासों के चलते 2018 से भारत की इथेनॉल उत्पादन क्षमता में 140 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जिससे 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है। इथेनॉल मिश्रण अब 18.86 प्रतिशत तक पहुंच चुका है और 20 प्रतिशत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।

यह सभी उपलब्धियां प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व और किसानों के कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का परिणाम हैं। इससे किसानों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

पत्र में यह भी कहा गया है कि इथेनॉल उत्पादन में गन्ने और अन्य अनाज को सरकार द्वारा निर्धारित मूल्यों पर परिवर्तित करके गन्ना भुगतान सुनिश्चित किया गया है, जिससे कृषि-स्तरीय आय में सुधार हुआ है।

आगे पत्र में लिखा गया है कि अगर इथेनॉल आयात को खोला गया, तो इससे चीनी उद्योग को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि इससे मुनाफा प्रभावित होगा और भारतीय इथेनॉल संयंत्रों की उपयोगिता कम हो सकती है, जिनमें से कई अभी भी पूंजी वसूली के शुरुआती चरण में हैं।

Point of View

बल्कि देश की आत्मनिर्भरता को भी सशक्त करता है। हमें ऐसे कदमों का समर्थन करना चाहिए जो हमारे किसानों और उद्योग को मजबूती प्रदान करें।
NationPress
19/07/2025

Frequently Asked Questions

आईएसएमए क्या है?
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (आईएसएमए) भारत में चीनी मिलों का एक प्रमुख संगठन है जो गन्ना किसानों और उद्योग के हितों की रक्षा करता है।
इथेनॉल का उपयोग क्यों किया जाता है?
इथेनॉल का उपयोग पेट्रोल में मिश्रण के लिए किया जाता है, जिससे ईंधन की गुणवत्ता में सुधार होता है और गन्ना किसानों को लाभ मिलता है।
इथेनॉल आयात पर प्रतिबंध क्यों आवश्यक है?
इथेनॉल आयात पर प्रतिबंध से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलता है और किसानों की आय में सुधार होता है।
क्या इथेनॉल आयात खोले जाने पर भारतीय उद्योग प्रभावित होगा?
जी हां, इथेनॉल आयात खोले जाने से भारतीय उद्योग को नुकसान हो सकता है, जिससे कई संयंत्रों की उपयोगिता कम हो सकती है।
इस कदम का किसानों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
इस कदम से किसानों के लिए समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।