क्या सरकार ने 550 कपास खरीद केंद्रों की स्थापना कर किसानों की मदद की है?

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क्या सरकार ने 550 कपास खरीद केंद्रों की स्थापना कर किसानों की मदद की है?

सारांश

सरकार ने 11 राज्यों में 550 कपास खरीद केंद्रों की स्थापना की है, जिससे किसानों को अपनी फसल बेचने में आसानी होगी। यह कदम किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। जानें इस योजना के बारे में और कैसे यह किसानों को लाभ पहुंचाएगी।

Key Takeaways

  • 550 कपास खरीद केंद्रों की स्थापना किसानों के लिए फायदेमंद होगी।
  • किसानों को अपनी फसल बेचने में सहजता मिलेगी।
  • 'कपास-किसान' ऐप से स्व-पंजीकरण और भुगतान ट्रैकिंग आसान होगा।
  • सरकार ने डिजिटलीकरण और वित्तीय समावेशन की दिशा में कदम उठाए हैं।
  • स्थानीय निगरानी समितियां किसानों के हितों की रक्षा करेंगी।

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सरकार ने 11 राज्यों में अब तक के सबसे अधिक 550 कपास खरीद केंद्रों की स्थापना की है। यह केंद्र भारत के कापस उत्पादन क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं, ताकि किसानों को अपनी पैदावार बेचने में किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।

उत्तरी क्षेत्र (पंजाब, हरियाणा, राजस्थान) में 1 अक्टूबर से, मध्य क्षेत्र (गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा) में 15 अक्टूबर से और दक्षिणी क्षेत्र (तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु) में 21 अक्टूबर से कपास खरीद अभियान की शुरुआत की जाएगी।

कपास मंत्रालय की सचिव नीलम शमी राव ने कपास उत्पादक राज्यों के प्रमुख अधिकारियों, भारतीय कपास निगम लिमिटेड (सीसीआई) और कपड़ा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ समीक्षा की, ताकि 2025-26 के खरीफ कपास सीजन के लिए मजबूत तैयारी सुनिश्चित की जा सके।

मंत्रालय ने कहा, "यह हस्तक्षेप पारदर्शी, कुशल और किसान-केंद्रित खरीद तंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"

कपास को लाखों किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल मानते हुए, मंत्रालय परेशानी मुक्त खरीद, समय पर भुगतान और डिजिटल समावेशन को सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति तैयार कर रहा है।

'कपास-किसान' ऐप किसानों को स्व-पंजीकरण, 7-दिवसीय रोलिंग स्लॉट बुकिंग और रीयल-टाइम भुगतान ट्रैकिंग की सुविधा देता है।

सभी राज्यों को किसान पंजीकरण और उपयोग को अधिकतम करने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की सलाह दी गई है।

मंत्रालय के अनुसार, "किसानों को एमएसपी का लाभ उठाने के लिए 31 अक्टूबर तक ऐप पर पंजीकरण पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।"

सरकार ने पूर्ण डिजिटलीकरण और वित्तीय समावेशन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। भुगतान सीधे आधार से जुड़े बैंक खातों में एनएसीएच के माध्यम से किया जाएगा, और हर चरण पर एसएमएस अलर्ट भेजे जाएंगे।

प्रत्येक केंद्र पर कड़ी निगरानी के लिए स्थानीय निगरानी समितियां (एलएमसी) गठित की गई हैं। सीसीआई ने किसानों की चिंताओं का त्वरित समाधान करने के लिए समर्पित व्हाट्सएप हेल्पलाइन भी शुरू की हैं।

सभी योग्य कपास किसानों को सलाह दी जाती है कि वे तुरंत पंजीकरण कराएं और संकटग्रस्त बिक्री से बचने के लिए डिजिटल साधनों का लाभ उठाएं।

Point of View

NationPress
03/10/2025

Frequently Asked Questions

कपास खरीद केंद्रों का लाभ किसे मिलेगा?
इन केंद्रों का लाभ 11 राज्यों के कपास किसानों को मिलेगा, जहां उन्हें अपनी फसल बेचने में मदद मिलेगी।
'कपास-किसान' ऐप का क्या उपयोग है?
'कपास-किसान' ऐप किसानों को स्व-पंजीकरण, स्लॉट बुकिंग और रीयल-टाइम भुगतान ट्रैकिंग की सुविधा प्रदान करता है।
किसान पंजीकरण की अंतिम तिथि क्या है?
किसानों को एमएसपी का लाभ उठाने के लिए 31 अक्टूबर तक ऐप पर पंजीकरण पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
सरकार का इस पहल के प्रति क्या दृष्टिकोण है?
सरकार का उद्देश्य पूर्ण डिजिटलीकरण और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है।
स्थानीय निगरानी समितियों का क्या कार्य है?
स्थानीय निगरानी समितियों का कार्य केंद्रों पर निगरानी रखना और किसानों की चिंताओं का समाधान करना है।