क्या सरकार ने इमरजेंसी इस्तेमाल की दवाओं और एंटीबायोटिक की कीमतें तय की हैं?

सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार ने इमरजेंसी दवाओं की कीमतें तय की हैं।
- एनपीपीए द्वारा निर्धारित मूल्य पारदर्शिता को बढ़ाएगा।
- दवाओं की कीमतें जीएसटी-मुक्त हैं।
- निर्माताओं को सीलिंग प्राइस से अधिक कीमत नहीं लेने की अनुमति है।
- नई दरों का पालन न करने पर दंड का प्रावधान है।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए चार दवाओं और 37 एंटीबायोटिक और दर्द निवारक दवाओं के अधिकतम मूल्य निर्धारित किए हैं।
ये मूल्य राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) द्वारा तय किए गए हैं और ये दवाएं संक्रमण, हृदय रोग, सूजन, मधुमेह और विटामिन की कमी के इलाज के लिए उपयोगी हैं।
एनपीपीए ने स्पष्ट किया है, "ब्रांडेड या जेनेरिक दवाओं को सीलिंग प्राइस (जीएसटी सहित) से अधिक कीमत पर बेचना मना है, और जिनका वर्तमान मूल्य सीलिंग प्राइस से कम है, वे उसे बनाए रखेंगे।"
इमरजेंसी दवाओं में शामिल इप्राट्रोपियम है, जिसका उपयोग क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से पीड़ित लोगों में वीजिंग और सांस लेने में तकलीफ को रोकने के लिए किया जाता है। इसका सीलिंग प्राइस ₹2.96 प्रति मिलीलीटर निर्धारित किया गया।
इसके अलावा, सोडियम नाइट्रोप्रसाइड की कीमत ₹28.99 प्रति मिलीलीटर और डिल्टियाजेम की कीमत ₹26.72 प्रति कैप्सूल रखी गई है।
पोविडोन आयोडीन की कीमत ₹6.26 प्रति ग्राम निर्धारित की गई है, जिसका उपयोग सर्जरी के लिए त्वचा को कीटाणुरहित करने में होता है।
अन्य दवाओं में पैरासिटामोल, एटोरवास्टेटिन, एमोक्सिसिलिन और मेटफॉर्मिन शामिल हैं, जिनकी कीमतें कम की गई हैं।
एनपीपीए ने खुदरा विक्रेताओं से नई कीमतें प्रमुखता से प्रदर्शित करने को कहा है।