क्या निवेशकों से धोखाधड़ी के कारण सेबी ने 2 ऑपरेटर्स को बैन किया?

Click to start listening
क्या निवेशकों से धोखाधड़ी के कारण सेबी ने 2 ऑपरेटर्स को बैन किया?

सारांश

सेबी ने हाल ही में दो ऑपरेटर्स पर कार्रवाई की है, जो निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के आरोप में बैन हुए हैं। यह मामला विभिन्न शिकायतों और धोखाधड़ी के तरीकों के चलते प्रकाश में आया है। जानिए इस मामले में क्या हुआ और निवेशकों को क्या करना चाहिए।

Key Takeaways

  • सेबी ने दो ऑपरेटर्स को बैन किया है।
  • उन्होंने निवेशकों से धोखाधड़ी की थी।
  • उन्हें 4.83 करोड़ रुपए लौटाने का आदेश दिया गया है।
  • धोखाधड़ी के तरीकों की जांच की जा रही है।
  • निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने दो ऑपरेटर्स शिवप्रसाद पट्टिया और अलकेश नरवरे को निवेशकों से धोखाधड़ी करने के आरोप में तीन साल के लिए बाजार से बैन कर दिया है।

सेबी के अनुसार, इन दोनों ऑपरेटर्स ने बिना लिक्विडिटी वाले स्टॉक ऑप्शंस में कृत्रिम तरीके से वॉल्यूम उत्पन्न करके निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की।

नियामक ने उन्हें 45 दिनों के भीतर 4.83 करोड़ रुपए लौटाने का आदेश दिया है।

शिवप्रसाद और अलकेश पर सेबी एक्ट, 1992 के सेक्शन 15एचए के तहत प्रत्येक को 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

सेबी ने आदेश में कहा, "उन्हें इस आदेश की तारीख से तीन साल के लिए प्रतिभूति बाजार में पहुंचने और प्रतिभूतियों (म्यूचुअल फंड की इकाइयों सहित) को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खरीदने, बेचने या अन्य लेनदेन करने से प्रतिबंधित किया गया है।

इसके अतिरिक्त, उन्हें अपने म्यूचुअल फंड, शेयर, प्रतिभूतियों सहित संपत्तियों को डीमैट और भौतिक रूप में बेचने (केवल पैसा लौटाने के उद्देश्य को छोड़कर) से भी रोका गया है।

एनएसई को निवेशकों से कई शिकायतें मिली हैं, जिसमें कहा गया कि उन्होंने कुछ व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों के साथ एल्गो/सॉफ्टवेयर ट्रेडिंग के लिए अपने क्रेडेंशियल्स को अच्छे मुनाफे के लालच में साझा किया था, लेकिन बाद में उनके ट्रेडिंग खातों में ट्रेड किए गए, जिससे लाखों का नुकसान हुआ।

उपरोक्त अलर्ट और शिकायतों के आधार पर, सेबी ने निवेशकों के ऑनलाइन ट्रेडिंग किट के कथित दुरुपयोग में पटिया और नरवारे के नेतृत्व वाले एक समूह की जांच की, जिसमें एल्गो/सॉफ्टवेयर-आधारित ट्रेडिंग से गारंटीड रिटर्न का वादा किया गया और अवैध ‘आउट ऑफ द मनी’ (ओटीएम) स्टॉक ऑप्शंस में धोखाधड़ी की गई।

सेबी ने आरोप लगाया कि एक योजना बनाई गई थी जिसके तहत ऑपरेटरों ने निवेशकों को बाजार में निवेश करने के लिए लुभाने के लिए कॉल करने वालों को नियुक्त किया और गारंटीड रिटर्न का वादा किया।

निवेशकों को इन कॉल करने वालों से लगातार कॉल और संदेश प्राप्त हुए। कॉल करने वालों ने एल्गो ट्रेड या स्वचालित सॉफ्टवेयर ट्रेड के माध्यम से गारंटीड लाभ का बहाना बनाकर निवेशकों से संपर्क किया।

ऑपरेटरों ने निवेशकों को विश्वास में लेने के बाद, उनके लॉग-इन क्रेडेंशियल्स प्राप्त किए और फिर स्टॉक ऑप्शन पर इस तरह से दांव लगाया कि निवेशकों को प्रीमियम का नुकसान उठाना पड़ा।

Point of View

क्योंकि यह निवेशकों की सुरक्षा और विश्वास को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। बाजार में धोखाधड़ी की घटनाएं चिंता का विषय हैं और ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाना आवश्यक है। हमें हमेशा निवेशकों के हितों की रक्षा करनी चाहिए।
NationPress
22/06/2025

Frequently Asked Questions

सेबी ने ऑपरेटर्स पर क्या आरोप लगाए हैं?
सेबी ने आरोप लगाया है कि ऑपरेटर्स ने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की और बिना लिक्विडिटी वाले स्टॉक ऑप्शंस में कृत्रिम वॉल्यूम उत्पन्न किया।
इन ऑपरेटर्स को कितने समय के लिए बैन किया गया है?
इन ऑपरेटर्स को तीन वर्षों के लिए बैन किया गया है।
सेबी ने कितने पैसे लौटाने का आदेश दिया है?
सेबी ने उन्हें 4.83 करोड़ रुपए लौटाने का आदेश दिया है।
क्या निवेशकों को इस मामले में क्या करना चाहिए?
निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी प्रकार के फर्जी वादों से बचना चाहिए।
सेबी की कार्रवाई का क्या अर्थ है?
सेबी की कार्रवाई का अर्थ है कि बाजार में धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।