क्या तेजस लड़ाकू विमान का क्रैश 'दुर्लभ घटना' है?
सारांश
Key Takeaways
- तेजस लड़ाकू विमान का क्रैश दुर्लभ घटना है।
- एचएएल ने कहा कि इसका व्यवसाय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
- यह विमान अमेरिकी इंजीनियरिंग द्वारा निर्मित इंजन द्वारा संचालित है।
- दुर्घटना की जांच में एचएएल का सहयोग जारी है।
- मंत्रालय ने तेजस जेट के लिए नए ऑर्डर भी दिए हैं।
मुंबई, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश की लड़ाकू विमान निर्माण करने वाली सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने सोमवार को बताया कि तेजस लड़ाकू विमान का दुबई एयरशो में दुर्घटना विशेष परिस्थितियों में हुई एक दुर्लभ घटना है।
एचएएल ने स्टॉक एक्सचेंज पर बयान में कहा, "हम यह सुनिश्चित करते हैं कि इस दुर्घटना का विमान के व्यावसायिक संचालन, वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य की डिलीवरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।"
सरकारी कंपनी ने कहा कि वे इस घटना की जांच में एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं।
दुबई एयरशो में दुर्घटना के बाद एचएएल के शेयर सोमवार को शुरुआती कारोबार में ९ प्रतिशत तक गिर गए थे। इस दौरान शेयर ने ४,२०५.२५ का न्यूनतम स्तर छुआ।
हालांकि, बाद में शेयर में रिकवरी देखने को मिली और दोपहर २ बजे यह २.३३ प्रतिशत की गिरावट के साथ ४,४८८ रुपए पर कारोबार कर रहा था।
यह लड़ाकू विमान शुक्रवार को दुबई एयरशो में कम ऊंचाई पर उड़ान भरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया और दुबई के अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे के पास जमीन से टकराने के बाद आग की लपटों में घिर गया।
तेजस एकल इंजन वाला, डेल्टा विंग डिजाइन वाला ४.५ पीढ़ी का मल्टीरोल लड़ाकू विमान है। इसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) द्वारा विकसित किया गया है और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के लिए एचएएल द्वारा निर्मित किया गया है।
यह विमान अमेरिकी इंजीनियरिंग दिग्गज जीई द्वारा निर्मित इंजन द्वारा संचालित किया गया था। अमेरिकी कंपनी ने भी दुर्घटना की जांच में सहयोग करने की पेशकश की है।
फरवरी २०२१ में, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के लिए ८३ तेजस एमके-१ए जेट की खरीद के लिए एचएएल के साथ ४८,००० करोड़ रुपए का सौदा किया था।
नवंबर २०२३ में, मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के लिए ९७ तेजस जेट के अतिरिक्त बैच की खरीद के लिए ६२,३७० करोड़ रुपए से अधिक के ऑर्डर की प्रारंभिक मंजूरी दी थी।