क्या अनीता हसनंदानी ने दोस्त ऐश्वर्या खरे का समर्थन किया?

सारांश
Key Takeaways
- दोस्ती का महत्व - अनीता ने साबित किया कि सच्चे दोस्त हमेशा एक-दूसरे का समर्थन करते हैं।
- रियलिटी शो की रणनीतियां - प्रतियोगिता में निर्णय लेना एक रणनीति हो सकता है।
मुंबई, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री अनीता हसनंदानी वर्तमान में रियलिटी शो 'छोरियां चाली गांव' को लेकर चर्चा में हैं। इस शो में उन्होंने दोस्ती की एक अनूठी मिसाल पेश की। हाल के एपिसोड में, अनीता ने अपनी करीबी दोस्त ऐश्वर्या खरे की अनुपस्थिति में उनका समर्थन करते हुए कहा, "मैं अपनी दोस्त के लिए लड़ूंगी।"
इस एपिसोड में, एरिका पैकर्ड ने अपनी सबसे करीबी दोस्त ऐश्वर्या को शो से बाहर करने का निर्णय लिया, जो सभी के लिए हैरान करने वाला था, खासकर अनीता के लिए, क्योंकि दो एपिसोड पहले ही एरिका ने ऐश्वर्या को अपनी 'सब कुछ' कहा था।
दिलचस्प यह है कि एरिका ने यह घोषणा तब की जब ऐश्वर्या वहां मौजूद नहीं थीं। अनीता ने अपनी दोस्त की अनुपस्थिति में उनका समर्थन करते हुए कहा, "मैं अपनी दोस्त के लिए लड़ूंगी।"
अनीता का मानना है कि यदि ऐश्वर्या वहां होतीं, तो वह खुद अपनी बात रखतीं। इसके अतिरिक्त, शो के होस्ट रणविजय ने भी ऐश्वर्या का समर्थन किया।
इसके बाद, जब ऐश्वर्या को अपने नामांकन के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह जगह हर दिशा से आपकी परीक्षा लेती है।"
लेटेस्ट एपिसोड में वोटिंग राउंड के दौरान, ऐश्वर्या ने एरिका का नाम लिया ताकि वह 'बसेरा' की मालकिन बन सकें।
ऐश्वर्या ने कहा, "हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे, एक-दूसरे का साथ देते थे। यह सब तो बस खेल का हिस्सा है, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा। जब नोमिनेशन में एरिका ने मेरा नाम लिया, तो मुझे यह सब बदल गया। उसके पास और भी नाम थे, लेकिन उसने फिर भी मेरा नाम चुना, जिससे यह स्पष्ट होता है।"
इस बीच, एरिका ने अपने फैसले को सही ठहराते हुए कहा, "यह गेम की एक रणनीति थी और आगे बढ़ने के लिए आवश्यक भी था।"