क्या अनुभव सिन्हा ने पुराने इंटरव्यू के जरिए सिनेमा और संगीत के दिन याद किए?

सारांश
Key Takeaways
- अनुभव सिन्हा का बचपन किताबों और संगीत के साथ गुजरा।
- फिल्मों का निर्माण एक चुनौती है, जिसमें दर्शकों की अपेक्षाएँ महत्वपूर्ण हैं।
- पुरानी यादें ताज़ा करने से न केवल हम अपनी पहचान को समझते हैं, बल्कि प्रेरणा भी मिलती है।
मुंबई, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक अनुभव सिन्हा ने सोशल मीडिया पर अपने अतीत को याद करते हुए एक पांच साल पुराना इंटरव्यू वीडियो साझा किया। इस पोस्ट के माध्यम से उन्होंने अपने प्रशंसकों के साथ पुरानी यादों को ताज़ा किया और अपने अनूठे अंदाज़ में हल्का-फुल्का मज़ाक भी किया।
इंस्टाग्राम पर साझा किए गए इस वीडियो में उन्होंने अपनी ज़िंदगी में किताबों और संगीत के योगदान को याद किया, साथ ही अपने फ़िल्मी करियर के उतार-चढ़ाव पर खुलकर चर्चा की।
इस वीडियो में अनुभव सिन्हा ने बताया कि बचपन में दोस्तों के साथ किताबों का आदान-प्रदान उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा था। उन्होंने कहा, "आज भी स्कूलों में वही पढ़ाई हो रही होगी, लेकिन हम शाम को दोस्तों के साथ मिलकर अपने घर लौटते थे, और किताबें बांटी जाती थीं। कोई कहता, 'तूने ये पढ़ी? इसे ले जा, मैं ये ले रहा हूँ।' उन किताबों ने हमारी परवरिश में बड़ी भूमिका निभाई।"
इसके अलावा, उन्होंने संगीत के प्रति अपने जुनून को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि उनकी फ़िल्म 'तुम बिन' में 13 गाने थे, जबकि 'दस बहाने करके ले गए दिल' और 'कैश' जैसी फ़िल्मों के गाने सुपरहिट रहे, भले ही 'कैश' को दर्शकों ने ज्यादा पसंद नहीं किया।
सिन्हा ने कहा, "लोग मुझसे कहते हैं कि मेरे टाइप की फ़िल्में बनाओ। मैं कहता हूं, मेरे टाइप की तो बस दो ही हैं। पहले मैं क्या था, शायद फिर वही बन जाऊं।" इस बयान में उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दौर और बदलते फ़िल्मी सफर का जिक्र किया।
इंस्टाग्राम पोस्ट के कैप्शन में अनुभव ने मजेदार अंदाज में लिखा, "ये शख्स रोज़ झूठ बोलता है। दोस्तों से, पत्रकारों से, खुद से। कहता है, 'क्या पता मैं वापस आ जाऊं।' निर्माता और अभिनेता कहते हैं, 'वो वाली फ़िल्में क्यों नहीं बनाते? थोड़ा एक्शन, म्यूजिक, कॉमेडी।' ये कहता है, लिख रहा हूं, लेकिन फिर 'मुल्क' और 'आर्टिकल 15' जैसी फ़िल्में बना डालता है।"
उनकी फ़िल्में जैसे 'मुल्क,' 'आर्टिकल 15,' और 'थप्पड़' सामाजिक मुद्दों पर गहरी छाप छोड़ चुकी हैं।