क्या केन्या नौसेना के कमांडर मेजर जनरल पॉल ओवुओर ओटीनो का भारत दौरा समुद्री सहयोग को मजबूत करेगा?

सारांश
Key Takeaways
- समुद्री सहयोग को बढ़ावा देना
- द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती
- प्रशिक्षण सहयोग का विस्तार
- केन्या नौसेना की सक्रिय भागीदारी
- सुरक्षा के साझा हित
नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केन्या नौसेना के कमांडर मेजर जनरल पॉल ओवुओर ओटीनो, समुद्री सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती प्रदान करने के लिए 28 सितंबर से 2 अक्टूबर तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं।
नौसेनाध्यक्ष एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने सोमवार को साउथ ब्लॉक लॉन्स में मेजर जनरल ओटीनो का स्वागत किया, जहाँ उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। बैठक में समुद्री सहयोग से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें परिचालन, प्रशिक्षण और जल सर्वेक्षण गतिविधियाँ शामिल थीं। इसके अलावा, बहुपक्षीय अभ्यास अफ्रीका-भारत प्रमुख समुद्री जुड़ाव (एआईकेईवाईएमई) का आयोजन और भारत-केन्या 'बहारी' समुद्री दृष्टिकोण के तहत साझेदारी को सशक्त बनाना भी चर्चा के प्रमुख बिंदु थे। मेजर जनरल ओटीनो ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
मेजर जनरल ओटीनो के दौरे का उद्देश्य प्रशिक्षण सहयोग को बढ़ावा देना है, जिसके तहत वे गुरुग्राम में भारतीय महासागर क्षेत्र के लिए सूचना संलयन केंद्र (आईएफसी-आईओआर) और कोच्चि में भारतीय नौसेना के दक्षिणी नौसेना कमान के प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों का दौरा करेंगे।
केन्या नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण समुद्री साझेदार है, जिसने एआईकेईवाईएमई, हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (आईओएनएस), गोवा समुद्री सम्मेलन और जिबूती आचार संहिता-जेद्दा संशोधन में सक्रिय भागीदारी की है।
मेजर जनरल पॉल ओटीनो की यह यात्रा भारत-केन्या नौसैनिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिए साझा हितों और प्रतिबद्धता को मजबूत करती है।
इस सहयोग को बढ़ावा देते हुए, भारतीय नौसेना के पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के जहाज - आईएनएस तीर, आईएनएस सुजाता, आईएनएस शार्दुल और आईसीजीएस सारथी हाल ही में दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर में अपनी लंबी दूरी की प्रशिक्षण तैनाती के तहत केन्या के मोम्बासा बंदरगाह पर पहुंचे। इस यात्रा से द्विपक्षीय समुद्री संबंध और गहरे हुए हैं।