क्या असल जिंदगी की कहानियां ही बनाती हैं फिल्में खास? आयुष्मान खुराना की राय
सारांश
Key Takeaways
- आयुष्मान खुराना का असली कहानियों के प्रति आकर्षण
- फिल्म 'थामा' की सफलता और ओपनिंग कमाई
- समाज और फिल्म के बीच का संबंध
- फिल्म में अनोखे किरदारों का महत्व
- रश्मिका मंदाना और नवाजुद्दीन सिद्दीकी का योगदान
मुंबई, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना की हालिया फिल्म ‘थामा’ दर्शकों के बीच काफी चर्चा में है। इस फिल्म ने अपने पहले दिन में 25 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की है, जो कि उनके करियर की सबसे बड़ी ओपनिंग है।
फिल्म की सफलता पर आयुष्मान ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत की। उन्होंने कहा कि उन्हें असली जिंदगी की कहानियाँ और अनोखे किरदार बहुत पसंद हैं। एक अभिनेता के रूप में उन्होंने हमेशा ऐसे किरदारों का चयन किया है, जो लोगों से जुड़ सकें और वास्तविकता का अनुभव कराएँ।
जब उनसे पूछा गया कि कैसे सामान्य कहानियों को ब्लॉकबस्टर में बदला जा सकता है, तो उन्होंने कहा, "मैं एक नॉन-फिक्शन व्यक्ति हूं। पत्रकारिता में डिग्री होने के नाते, मुझे असली जिंदगी की कहानियाँ काफी आकर्षित करती हैं। मेरा मानना है कि वास्तविकता अक्सर कल्पना से भी अधिक अद्भुत होती है। यह फिल्में बनाने के लिए आवश्यक मसाला प्रदान करती है।"
उन्होंने आगे बताया, "हम समाज से प्रेरित होते हैं और समाज भी फिल्मों से प्रेरित होता है। इसीलिये मुझे इन असली जीवन की विचित्रताओं को पर्दे पर लाना बेहद चुनौतीपूर्ण लगता है। यह मुझे एक नई ऊर्जा देता है। मेरी सोच एक आम दर्शक की तरह है। चंडीगढ़ जैसे शहर का एक लड़का, जिसे फिल्में देखना पसंद है, का नजरिया ही मेरा काम करने का तरीका है।"
‘थामा’ का निर्देशन आदित्य सरपोतदार ने किया है। यह फिल्म मैडॉक फिल्म्स के बैनर तले 21 अक्टूबर को रिलीज हुई थी। फिल्म में आयुष्मान खुराना पत्रकार की भूमिका में हैं, जो अनजाने में बेतालों की दुनिया में पहुँच जाते हैं।
फिल्म में दक्षिण भारतीय अभिनेत्री रश्मिका मंदाना ने एक बेताल का किरदार निभाया है, जबकि नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने खलनायक की भूमिका निभाई है। इसमें वरुण धवन का कैमियो भी है, जहाँ वे अपनी फिल्म 'भेड़िया' के रोल में नजर आते हैं।