क्या सूसन लुची की 'एरिका केन' वाली शोहरत, दिल की जंग और साहस की कहानी आपको प्रेरित करेगी?

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क्या सूसन लुची की 'एरिका केन' वाली शोहरत, दिल की जंग और साहस की कहानी आपको प्रेरित करेगी?

सारांश

सूसन लुची की कहानी प्रेरणा का स्रोत है। एरिका केन के रूप में उनकी पहचान और दिल की बीमारी से जूझने की यात्रा को जानें।

Key Takeaways

  • सूसन लुची का संघर्ष प्रेरणादायक है।
  • एरिका केन का किरदार अमेरिकी पॉप कल्चर का स्थायी हिस्सा है।
  • धैर्य और निरंतरता से सफलता प्राप्त की जा सकती है।
  • दिल की बीमारी के प्रति जागरूकता आवश्यक है।
  • आत्मकथा में अनकही कहानियों का जिक्र है।

नई दिल्ली, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सूसन लुची हॉलीवुड में एक ऐसा नाम है जिसने टेलीविजन से लेकर बड़े पर्दे तक पर छाप छोड़ी है। 23 दिसंबर 1946 को जन्मी इस प्रसिद्ध अभिनेत्री ने दशकों तक चले टीवी शो ऑल माई चिल्ड्रन में एरिका केन का किरदार निभाकर अमेरिकी पॉप कल्चर में एक स्थायी स्थान बनाया। एरिका केन केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि महत्वाकांक्षा, ग्लैमर, साजिश और भावनात्मक उतार-चढ़ाव की एक अद्भुत मिसाल थी, जिसने दर्शकों को पीढ़ियों तक जोड़े रखा।

सूसन लुची का करियर आसान नहीं रहा। उन्हें लंबे समय तक एमी अवॉर्ड के लिए नामांकित किया गया लेकिन जीत नहीं मिली, और यही संघर्ष उनकी पहचान में शामिल हो गया। जब उन्होंने अंततः एमी अवॉर्ड

उनकी आत्मकथा “ऑल माई लाइफ: अ मेमोयर” उनके जीवन और संघर्ष को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इस पुस्तक में सूसन लुची ने अपने करियर की अनकही कहानियां, निजी जीवन के उतार-चढ़ाव और हॉलीवुड की कठिन सच्चाइयों को ईमानदारी से साझा किया है। यह किताब न केवल उनके प्रशंसकों के लिए, बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

78 साल की इस खूबसूरत अदाकारा ने अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की ब्रांड एम्बेसडर भी हैं और महिलाओं को दिल का ख्याल रखने की सलाह देती हैं। 2018 में उन्हें दिल से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ा और तीन स्टेंट लगवाने पड़े।

वह कहती हैं, "मुझे याद है कि अक्टूबर में मैं और मेरे पति एक रेस्टोरेंट में अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे थे। तभी मुझे अपने सीने पर हल्का दबाव महसूस हुआ, जो मैंने पहले कभी नहीं अनुभव किया था। मैंने इसे अनदेखा कर दिया, जैसा कि हम में से कई महिलाएं करती हैं।"

कुछ हफ्तों बाद वही घटना दोबारा हुई। बाद में एक स्कैन ने बताया कि लुची को 90 प्रतिशत ब्लॉकेज था। उनकी मेडिकल टीम के अनुसार, यदि उन्होंने अपने लक्षणों पर ध्यान नहीं दिया होता, तो हो सकता है कि वह कभी भी जाग न पाती।

Point of View

तो सफलता अवश्य मिलती है। यह न केवल व्यक्तिगत स्तर पर एक प्रेरणा है, बल्कि समाज के लिए भी एक सन्देश है कि धैर्य और नेतृत्व से किसी भी कठिनाई का सामना किया जा सकता है।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

सूसन लुची ने एमी अवॉर्ड कब जीता?
सूसन लुची ने अंततः एमी अवॉर्ड जीता, जो उनके संघर्ष का प्रतीक था।
सूसन लुची की आत्मकथा का नाम क्या है?
उनकी आत्मकथा का नाम “ऑल माई लाइफ: अ मेमोयर” है।
सूसन लुची ने दिल की बीमारी से कैसे जूझा?
उन्हें 2018 में दिल से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ा और तीन स्टेंट लगवाने पड़े।
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