क्या प्राणायाम की तरह है हमारा संगीत? : तनिष्क बागची

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क्या प्राणायाम की तरह है हमारा संगीत? : तनिष्क बागची

सारांश

संगीतकार तनिष्क बागची ने हालिया रिलीज 'सैयारा' के टाइटल ट्रैक को प्राणायाम की तरह बताया है। उनका मानना है कि संगीत में भावनाओं का पुनर्जन्म हो रहा है और दर्शक अब गहरे गानों की तलाश में हैं। क्या यह बदलाव संगीत उद्योग के लिए सकारात्मक संकेत है?

Key Takeaways

  • तनिष्क बागची का संगीत प्राणायाम के समान है।
  • 'सैयारा' में भावनाओं का पुनर्जन्म हुआ है।
  • दर्शक अब गहरे और लंबे गानों की तलाश में हैं।
  • म्यूजिक इंडस्ट्री में सकारात्मक बदलाव हो रहा है।
  • मोबाइल रील्स का दौर अब एक मिनट की रील्स की ओर बढ़ रहा है।

मुंबई, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। संगीतकार तनिष्क बागची को हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'सैयारा' के टाइटल ट्रैक की शानदार सफलता के लिए भरपूर सराहना मिल रही है। तनिष्क का मानना है कि इस एल्बम की प्रतिक्रिया हिंदी फिल्म म्यूजिक मार्केट में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत देती है। उनका कहना है कि हमारा संगीत लोगों के लिए प्राणायाम के समान है।

'सैयारा' की सफलता से उत्साहित तनिष्क ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कहा कि म्यूजिक इंडस्ट्री निरंतर विकास की राह पर है। उनका मानना है कि इंस्टाग्राम रील्स और ऑडियो स्ट्रीमिंग सेवाओं के तेजी से विस्तार के कारण म्यूजिक मार्केट में कई प्रयोग हो रहे हैं। लेकिन, अब यह स्पष्ट हो गया है कि दर्शक रोबोटिक धुनों से परे, मेलोडी और भावनात्मक गहराई वाले गानों की तलाश कर रहे हैं।

तनिष्क ने बताया, "म्यूजिक इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है। ऐसा बदलाव पहले सिर्फ एआर रहमान के समय में आया था, जब एक नया ट्रेंड सेट हुआ था। मैं यह नहीं कहूंगा कि 'सैयारा' एक ट्रेंड है, बल्कि यह एक खोई हुई भावना का पुनर्जन्म है, जैसा कि नदीम-श्रवण और आनंद-मिलिंद के दौर में था।"

उन्होंने 'सैयारा' के निर्देशक मोहित सूरी की तारीफ करते हुए कहा कि मोहित ने अपनी कहानी कहने की कला के जरिए संगीत में भावनाओं को फिर से जीवंत किया है।

'सैयारा' के गाने पारंपरिक नियमों को तोड़ते हैं। ये गाने लंबे, मधुर और बार-बार सुनने योग्य हैं। तनिष्क ने बताया कि इस एल्बम ने संगीत की दिशा बदल दी है।

उन्होंने कहा, "अब लोग लंबे और गहरे गाने सुनना चाहेंगे। 15 सेकंड की रील्स का दौर समाप्त हो चुका है। अब एक मिनट की रील्स बनानी होंगी, जिसके लिए पूरे गाने को सुनना आवश्यक होगा।"

तनिष्क ने 'सैयारा' टाइटल ट्रैक को 'हीलर' बताते हुए कहा, "जब लोग ठीक होना चाहते हैं, तो वे योग या प्राणायाम करते हैं। प्राणायाम 5 सेकंड में नहीं होता, यह एक प्रक्रिया है। हमारा संगीत लोगों के लिए प्राणायाम की तरह है, जो उन्हें स्थिरता देगा।"

हाल ही में 'सैयारा' टाइटल ट्रैक स्पॉटिफाई ग्लोबल टॉप 5 में शामिल हुआ है।

Point of View

मुझे यह कहना है कि तनिष्क बागची का दृष्टिकोण संगीत उद्योग में हो रहे बदलावों को दर्शाता है। उनका यह विचार कि संगीत प्राणायाम के समान है, दर्शकों की गहरी भावनाओं को समझने का प्रयास है। यह बदलाव हमारे सांस्कृतिक परिदृश्य में एक सकारात्मक संकेत है।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

तनिष्क बागची ने 'सैयारा' के बारे में क्या कहा?
तनिष्क ने कहा कि 'सैयारा' संगीत में भावनाओं का पुनर्जन्म है और दर्शक अब गहरे गानों की तलाश कर रहे हैं।
'सैयारा' का टाइटल ट्रैक कैसे सफल हुआ?
'सैयारा' का टाइटल ट्रैक हाल ही में स्पॉटिफाई ग्लोबल टॉप 5 में शामिल हुआ है, जिससे इसकी सफलता को दर्शाता है।
तनिष्क बागची का संगीत के प्रति दृष्टिकोण क्या है?
तनिष्क का मानना है कि संगीत लोगों के लिए प्राणायाम की तरह है, जो उन्हें मानसिक स्थिरता प्रदान करता है।