क्या मशहूर मलयालम अभिनेता शानवास का निधन हो गया?

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क्या मशहूर मलयालम अभिनेता शानवास का निधन हो गया?

सारांश

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक दुखद दिन। अभिनेता शानवास का निधन, जिन्होंने 96 फिल्मों में अपनी अदाकारी का जादू बिखेरा। जानिए उनके जीवन और करियर के बारे में।

Key Takeaways

  • शानवास का निधन फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक नुकसान है।
  • उन्होंने अपने करियर में 96 फिल्मों में काम किया।
  • शानवास ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए अभिनय में कदम रखा।
  • उनकी अदाकारी ने दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया।
  • शानवास का परिवार मलयालम सिनेमा से संबंधित था।

चेन्नई, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। साउथ फिल्म इंडस्ट्री में एक दुखद घटना घटी है। नामी मलयालम अभिनेता और सुपरस्टार प्रेम नजीर के पुत्र शानवास का निधन हो गया है। वह लंबे समय से किडनी की बीमारी से ग्रस्त थे। सोमवार की रात उनकी स्थिति अचानक बिगड़ी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन चिकित्सक उनकी जान नहीं बचा पाए। उन्होंने 71 वर्षशोक की लहर फैल गई है। प्रशंसक और फिल्म उद्योग से जुड़े लोग उन्हें याद कर रहे हैं।

शानवास का जन्म एक फिल्मी परिवार में हुआ था। उनके पिता प्रेम नजीर मलयालम सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में से एक माने जाते थे। शानवास ने अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और एक प्रतिभाशाली अभिनेता के रूप में खुद को साबित किया। उन्होंने 1981 में अपने करियर की शुरुआत फिल्म 'प्रेमगीथंगल' से की, जिसमें उन्होंने 'अजित' का किरदार निभाया। इसके बाद उन्होंने कई सफल फिल्मों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। 1982 में उन्होंने 'आशा' में 'बोबन' का किरदार निभाया और उसी वर्ष 'कोरिथारिचा नाल', 'माइलानजी', 'गानम', 'इवान ओरु सिम्हम', और 'इरत्तिमधुरम' जैसी फिल्मों में भी अभिनय किया। 1983 में 'आधिपत्यम', 'रथिलायम', 'न्यायमूर्ति राजा', 'माझा नीलावु', 'ई युगम', 'नमस्ते मैडम', 'प्रथिंज', 'प्रसन्नम गुरुतारम', 'मनियारा' और 'मौन रागम' जैसी फिल्मों में उनकी सक्रियता रही।

बाद में, उन्होंने 1984 में 'अम्मे नारायण', 'कदमत्तथाचन', 'निंगालिल ओरु स्त्री', 'उमानिलयम' और 'वेलिचामिल्लाथा वीधी' जैसी फिल्मों में काम किया। 1985 में 'उयिरथेझुननेलप्पु', 'मुख्यमंत्री', 'शांतम भीकाराम', 'ओरिक्कल ओरिडाथु', 'आझी', 'ओन्नम प्रथी ओलिविल' जैसी फिल्मों में उनका अभिनय देखा गया। 1986 में 'भगवान' और 1987 में तमिल फिल्म 'जाठी पुक्कल' के साथ-साथ 'एल्लावार्ककुम नानमकल' और 'मंगल्याचारथु' में भी वे नजर आए।

1988 में उनकी प्रमुख फिल्म 'चित्रम' रिलीज़ हुई, जिसमें उन्होंने 'रवि' का किरदार निभाया। 1989 में 'लाल अमेरिकायिल', 'जीवितम ओरु रागम', 'महाराजवु', और तमिल फिल्म 'ईनम थेट्टथा कट्टारु' में उन्होंने काम किया। 1990 में 'रागम श्री रागम', 'अर्हत' और 'मध्य' रिलीज़ हुई। 1991 में वे 'वेंदुम ओरु अध्यारात्रि', 'नीलागिरी' (शेखर), 'कौमारा स्वप्नंगल' और 'इंस्पेक्टर बलराम' जैसी फिल्मों में दिखाई दिए।

इसके पश्चात उन्होंने कुछ वर्षों का ब्रेक लिया और 2003 में 'कलियोदम' के साथ वापसी की। इसके बाद वे 'नम्मल थम्मिल', 'ओरिडाथोरू डाकिया', 'कन्याकुमारी एक्सप्रेस', 'चाइना टाउन', 'वीरपुत्रन', 'गुड़िया', 'रेबेका उथुप किजहक्केमाला', 'कुंभसरम', 'कुप्पीवाला' और 'जन गण मन' जैसी कई फिल्मों का हिस्सा बने।

उन्होंने अपने करियर में लगभग 96 फिल्मों में काम किया और दर्शकों को अपनी साधारणता भरी अदाकारी से प्रभावित किया।

Point of View

अभिनेता शानवास का निधन साउथ फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी अदाकारी और उनके योगदानों को हमेशा याद रखा जाएगा। इस दुखद समाचार ने न केवल प्रशंसकों को, बल्कि समस्त फिल्म समुदाय को प्रभावित किया है।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

शानवास का निधन किस कारण हुआ?
शानवास का निधन किडनी की बीमारी के कारण हुआ था।
शानवास ने कब फिल्मी करियर की शुरुआत की थी?
शानवास ने 1981 में फिल्म 'प्रेमगीथंगल' से अपने करियर की शुरुआत की थी।
शानवास ने कितनी फिल्मों में काम किया?
उन्होंने अपने करियर में लगभग 96 फिल्मों में काम किया।
उनका परिवार किस फिल्म इंडस्ट्री से संबंधित था?
शानवास का परिवार मलयालम फिल्म इंडस्ट्री से संबंधित था।
शानवास के पिता कौन थे?
शानवास के पिता प्रेम नजीर थे, जो एक प्रसिद्ध मलयालम अभिनेता थे।