क्या आईएफएफआई सीखने का अहम मंच है, फिल्ममेकर को इसका हिस्सा बनना चाहिए?

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क्या आईएफएफआई सीखने का अहम मंच है, फिल्ममेकर को इसका हिस्सा बनना चाहिए?

सारांश

56वें अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में, निर्देशक तेजस प्रभा विजय देओस्कर ने बताया कि यह महोत्सव फिल्म निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। यहाँ वे अपनी फिल्मों को प्रदर्शित कर सकते हैं और वैश्विक सिनेमा समुदाय में पहचान बना सकते हैं।

Key Takeaways

  • आईएफएफआई फिल्म निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
  • नेटवर्किंग और सीखने के अवसर प्रदान करता है।
  • फिल्म 'ग्राउंड जीरो' ने दर्शकों पर गहरा प्रभाव डाला।
  • संवेदनशील परिस्थितियों में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।
  • हर फिल्म निर्माता को इस महोत्सव में भाग लेना चाहिए।

मुंबई, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। 56वें अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में भाग लेने वाले निर्देशक तेजस प्रभा विजय देओस्कर ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में फिल्म निर्माण और महोत्सव के महत्व के बारे में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि आईएफएफआई एक ऐसा मंच है जो फिल्म निर्माताओं के प्रयासों को मान्यता देता है और उन्हें वैश्विक सिनेमा समुदाय में अपनी पहचान बनाने का अवसर प्रदान करता है।

उनका मानना है कि फिल्म निर्माताओं को इस मंच का हिस्सा बनना चाहिए ताकि वे अपनी फिल्मों को प्रदर्शित कर सकें और उद्योग में अपनी विश्वसनीयता को बढ़ा सकें।

उन्होंने कहा, ''महोत्सव में भाग लेना केवल फिल्म दिखाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नेटवर्किंग, सीखने और फिल्म निर्माण के नए दृष्टिकोण समझने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है।''

तेजस प्रभा विजय देओस्कर ने खासकर अपनी फिल्म 'ग्राउंड जीरो' का उल्लेख किया। इस फिल्म में अभिनेता इमरान हाशमी ने बीएसएफ अधिकारी नरेंद्र नाथ धर दुबे का किरदार निभाया था।

निर्देशक ने कहा कि इमरान का यह रोल उनके पहले किए गए किरदारों से काफी अलग था और दर्शकों ने इसे काफी पसंद किया। उन्होंने कहा कि फिल्म में दर्शाए गए मिशन ने दर्शकों पर गहरा प्रभाव डाला। इसमें गाजी बाबा जैसे आतंकवादी को मार गिराने की कहानी है। फिल्म की रिलीज से ठीक तीन दिन पहले पहलगाम अटैक हुआ था। उस समय देश में शोक और गुस्सा था, इसलिए फिल्म की कमाई उनके लिए प्राथमिकता नहीं थी।

उन्होंने कहा, ''इस संवेदनशील परिस्थिति में भी जहां फिल्म पहुंची, वहां से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर तो फिल्म को उम्मीद से कहीं अधिक सराहना मिली।''

तेजस प्रभा विजय देओस्कर ने आईएफएफआई की महत्ता पर भी विस्तार से बात की। उन्होंने कहा, ''यह महोत्सव केवल फिल्मों की स्क्रीनिंग का आयोजन नहीं है, बल्कि यह फिल्म निर्माताओं के लिए सीखने, अपने विचार साझा करने और अपने काम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश करने का एक शानदार अवसर है। हर फिल्म निर्माता को इस महोत्सव का हिस्सा बनना चाहिए और अपनी फिल्म को प्रदर्शित कराने के लिए पूरी मेहनत करनी चाहिए।''

Point of View

यह कहना चाहूँगा कि आईएफएफआई न केवल फिल्म उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और सिनेमा को भी वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का एक माध्यम है। हर फिल्म निर्माता को इस महोत्सव में भाग लेना चाहिए ताकि वे अपने विचारों और कौशल को साझा कर सकें।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

आईएफएफआई में भाग लेने का क्या महत्व है?
आईएफएफआई में भाग लेना फिल्म निर्माताओं के लिए वैश्विक समुदाय में पहचान बनाने और नेटवर्किंग का महत्वपूर्ण अवसर है।
क्या 'ग्राउंड जीरो' फिल्म की कहानी खास है?
'ग्राउंड जीरो' फिल्म में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की गहन कहानी है, जो दर्शकों को प्रभावित करती है।
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