किरण दुबे ने बताया, 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के बाद वह टेलीविजन से क्यों गायब हुईं?

सारांश
Key Takeaways
- किरण दुबे ने टेलीविजन से ब्रेक लिया ताकि वह खुद को समझ सकें।
- उनकी नई फिल्म '5 सितंबर' उत्तराखंड में बनी पहली फिल्म है।
- किरण ने स्कूल थेरपिस्ट का महत्वपूर्ण किरदार निभाया है।
- उन्होंने अपने करियर में बड़े शो किए हैं।
- उनके लिए बेहतरीन कलाकारों के साथ काम करना सौभाग्य की बात है।
मुंबई, 25 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' और 'कहानी घर-घर की' जैसे बेहद चर्चित धारावाहिकों में काम कर चुकी अभिनेत्री किरण दुबे ने खुलासा किया कि उन्होंने इतनी प्रसिद्धि के बाद टेलीविजन से ब्रेक क्यों लिया।
किरण दुबे ने अपने छोटे पर्दे के करियर पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि इतने वर्षों तक वह मनोरंजन की दुनिया से दूर क्यों रही और इस निर्णय ने उनके जीवन पर क्या प्रभाव डाला।
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वह अपनी व्यस्तता के बीच कुछ समय खुद के लिए निकालना चाहती थीं, ताकि वह अपनी पहचान को बेहतर तरीके से समझ सकें।
जब उनसे पूछा गया कि “इतने प्रसिद्ध शो का हिस्सा होने के बावजूद वह अचानक इंडस्ट्री से क्यों गायब हो गईं?”
इस पर उन्होंने उत्तर दिया, “मैंने कई बड़े शो किए हैं, लेकिन मैंने हमेशा महसूस किया कि मुझे अपनी जिंदगी को प्राथमिकता देनी चाहिए। मैं कुछ समय अपने लिए जीना चाहती थी, ताकि मैं अपनी आध्यात्मिकता को समझ सकूं। लगभग एक दशक तक लगातार काम करने के बाद, मुझे लगा कि अब कुछ समय पीछे हटना जरूरी है।”
किरण ने बताया कि इतने लंबे ब्रेक के बाद उन्हें फिर से छोटे पर्दे पर लौटने की प्रेरणा कैसे मिली। उन्होंने कहा, “मेरे सामने एक फिल्म का प्रस्ताव आया, '5 सितंबर' जिसने मुझे प्रेरित किया कि अब मेरी वापसी का सही समय है।”
उन्होंने कहा, '5 सितंबर' एक विशेष फिल्म है। यह पूरी तरह से उत्तराखंड में बनी पहली बॉलीवुड फिल्म है। हालांकि कई फिल्में वहां शूट हुई हैं, लेकिन इस फिल्म के लेखक, निर्देशक और निर्माता कुणाल मल्ला हैं। इसमें संजय मिश्रा, बृजेन्द्र काला, केविन दवे, दीपराज राणा, सारिका सिंह और कुणाल जैसे प्रतिभाशाली कलाकार शामिल हैं।
किरण ने कहा कि इतने बेहतरीन कलाकारों के साथ काम करना उनके लिए सौभाग्य की बात है।
उन्होंने बताया, “इस फिल्म में मैं एक स्कूल थेरपिस्ट की भूमिका निभा रही हूं। इस किरदार के कई पहलू हैं, भले ही मेरा स्क्रीन टाइम कम है, लेकिन यह किरदार बहुत महत्वपूर्ण है। यह मेरी पहली हिंदी फिल्म है, और इसी कारण से मैं मुंबई वापस आई हूं।”