क्या अमाल मलिक ने अपने पिता के नाम का कभी इस्तेमाल नहीं किया?
सारांश
Key Takeaways
- अमाल मलिक ने अपने संघर्षों को साझा किया।
- उन्होंने अपने पिता के नाम का इस्तेमाल नहीं किया।
- आर्थिक दबाव और पारिवारिक समस्याएँ उनके लिए चुनौती थीं।
- संघर्ष के समय में परिवार का समर्थन नहीं मिला।
- अमाल ने अपनी मेहनत से पहचान बनाई।
मुंबई, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रियलिटी शो 'बिग बॉस 19' से बाहर आने के बाद बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक और संगीतकार अमाल मलिक काफी चर्चा में बने हुए हैं। इस दौरान राष्ट्र प्रेस को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने करियर की संघर्षों पर प्रकाश डाला। साथ ही, उन्होंने उन पारिवारिक कठिनाइयों के बारे में बताया, जिन्हें उन्होंने वर्षों तक अपने मन में दबाए रखा।
'बिग बॉस' के घर में अमाल मलिक ने बताया कि उनके परिवार ने एक ऐसा दौर देखा है, जब परिस्थितियाँ बेहद चुनौतीपूर्ण थीं। उन्होंने अपने पिता डब्बू मलिक के करियर की समस्याओं का उल्लेख किया और बताया कि इन चुनौतियों ने पूरे परिवार को किस प्रकार प्रभावित किया।
अमाल ने कहा, ''पिता के काम में स्थिरता की कमी के कारण परिवार को कई बार आर्थिक तनाव का सामना करना पड़ा। मेरी मां को भी उस समय भावनात्मक रूप से बहुत कष्ट सहना पड़ा। यह सब देखकर मैं भीतर से टूट जाता था।''
राष्ट्र प्रेस ने जब अमाल मलिक से पूछा कि क्या राष्ट्रीय टीवी पर परिवार की इतनी निजी बातें साझा करना सही था, तो अमाल ने कहा कि वह अपनी सच्चाई बोलने से कभी पीछे नहीं हटते। अगर कोई उनसे उनकी पूरी यात्रा के बारे में पूछता है, तो वह उसे पूरी ईमानदारी से बताते हैं, चाहे वह कितनी ही कठिन क्यों न हो।
अमाल ने कहा, ''हर व्यक्ति का अनुभव अलग होता है। मैंने जो अनुभव किया, वही शो में कहा। जो भी बोला, दिल से बोला और किसी को बदनाम करने का मेरा कोई इरादा नहीं था।''
इंटरव्यू के दौरान अमाल मलिक ने कहा, ''मैंने अपने करियर में कभी अपने पिता के नाम का इस्तेमाल नहीं किया। मैंने अपनी मेहनत से अपनी पहचान बनाई है और आगे बढ़ा हूं। शो में दर्शकों ने मुझे काफी समर्थन दिया, उसके लिए मैं दिल से आभारी हूं।''
शो के दौरान अमाल ने एक बड़ी सच्चाई साझा की। उन्होंने बताया कि उनके परिवार पर एक समय 3.5 से 4 करोड़ रुपये तक का कर्ज था। यह कर्ज कई कारणों से बढ़ा और धीरे-धीरे परिवार के लिए बोझ बन गया। अमाल ने भावुक होकर कहा कि उस मुश्किल समय में उन्हें उम्मीद थी कि परिवार के करीबी लोग साथ देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ''न ही मेरे चाचा और न ही किसी अन्य रिश्तेदार ने मदद का हाथ बढ़ाया। यह अनुभव मेरे लिए निराशाजनक था।''
इन आर्थिक परेशानियों के बीच एक बड़ा दुख भी सामने आया। अमाल ने बताया कि उनके दादाजी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। घर में एक तरफ आर्थिक दबाव था और दूसरी तरफ दादाजी की सेहत की चिंता। इन दोनों चीजों ने परिवार को मानसिक रूप से तोड़कर रख दिया था। ऐसे समय में घर का माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया था।