क्या मैथिली ठाकुर ने राम-सीता विवाह पंचमी की शुभकामनाएं दीं?
सारांश
Key Takeaways
- विवाह पंचमी का दिन भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण माना जाता है।
- इस दिन राम और सीता की पूजा से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
- मैथिली ठाकुर ने इस अवसर पर विशेष शुभकामनाएं दी हैं।
- यह पर्व नवविवाहित जोड़ों के लिए विशेष महत्व रखता है।
- धार्मिक ग्रंथों में विवाह पंचमी की महिमा का वर्णन है।
मुंबई, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का पर्व मनाया गया। इस खास मौके पर प्रसिद्ध गायिका और बिहार से भाजपा विधायक मैथिली ठाकुर ने मंगलवार को सोशल मीडिया के जरिए अपने प्रशंसकों को शुभकामनाएं दी।
मैथिली ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह 'तुम उठो सिया श्रृंगार करो' पर प्रदर्शन करती दिख रही हैं। उन्होंने वीडियो के साथ लिखा, "राम सीता विवाह पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।"
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन विधि-विधान से श्रीराम और माता सीता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली रहती है। पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है और घर में सुख-शांति का वास होता है। विशेषकर उन महिलाओं के लिए, जिनकी शादी में देरी हो रही है या जो वैवाहिक जीवन में समस्याओं का सामना कर रही हैं, यह व्रत अत्यंत फलदायी माना जाता है।
कहा जाता है कि राम-सीता के विवाह का स्मरण करने से घर में सौभाग्य और समृद्धि बढ़ती है।
वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस, स्कंद पुराण, पद्म पुराण और गरुड़ पुराण जैसे ग्रंथों में विवाह पंचमी की महिमा का विस्तृत वर्णन किया गया है। नवविवाहित जोड़े इस दिन विशेष पूजा करते हैं। कई स्थानों पर भव्य शोभायात्राएं निकाली जाती हैं और राम-सीता विवाह महोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।
मैथिली ठाकुर की बात करें तो उन्होंने अपनी गायकी से देशभर में पहचान बनाई है, जिसके लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। मैथिली के पिता रमेश ठाकुर स्वयं एक संगीतकार हैं, जिससे उनकी संगीत के प्रति रुचि हमेशा से रही है। उनके दो भाई ऋषभ ठाकुर और अयाची ठाकुर भी संगीत के क्षेत्र में सक्रिय हैं।
२०२४ में बिहार सरकार ने मैथिली ठाकुर को राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड का ब्रांड एंबेसडर बनाया था। इससे पहले उन्हें संगीत नाटक अकादमी का उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है, जो किसी भी युवा कलाकार के लिए एक महत्वपूर्ण सम्मान है।