क्या 1008 महामंडलेश्वर यामायी ममता नंद गिरी बनी ममता कुलकर्णी ने अपने अनुयायियों से श्रृंगार कराया?

सारांश
Key Takeaways
- ममता का आध्यात्मिक सफर और उसका महत्व।
- साध्वी अवतार से जुड़ी उनकी गतिविधियाँ।
- विवादों का सामना करते हुए उनका जीवन।
- किन्नर समाज में उनकी भूमिका।
- धर्म
दिल्ली, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नब्बे के दशक में अपनी अदाओं से सबका दिल जीतने वाली ममता कुलकर्णी ने अब धर्म
अध्यात्म की ओर दो साल तक दूर रहने के बाद, ममता किन्नर अखाड़ा में शामिल हो गईं। उनका पूरा इंस्टाग्राम अब मंत्रों और धार्मिक वीडियो से भरा है। हाल ही में, उन्होंने माता सप्तश्रृंगी के दर्शन के लिए श्रृंगार करते हुए एक वीडियो साझा किया।
साध्वी बनी ममता ने अपने सोशल मीडिया पर कई वीडियो पोस्ट किए हैं, जिनमें वे अनुयायियों से घिरी हुई हैं। कोई उन्हें पगड़ी पहना रहा है, तो कोई फूल-माला अर्पित कर रहा है। उनके साथ अन्य लोग और किन्नर समाज के लोग भी उपस्थित थे। वीडियो में ममता ने लिखा, "कोजागिरी पूर्णिमा पर माता सप्तश्रृंगी दर्शन के लिए श्री 1008 महामंडलेश्वर यामायी ममता नंद गिरी का श्रृंगार किया गया।" बता दें कि 6 अक्टूबर को कोजागिरी पूर्णिमा थी, जिसके लिए ममता ने लोगों के बीच ये अवतार लिया।
ममता के साध्वी अवतार को कुछ लोगों ने ट्रोल किया था। उन्होंने जनवरी में महाकुंभ में डुबकी लगाकर गृहस्थ जीवन त्याग कर संन्यासी बनने की घोषणा की थी। ममता का कहना है कि उन्होंने किन्नर अखाड़े की अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से दीक्षा ली और उन्हें धार्मिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिली।
हालांकि, ममता का जीवन हमेशा विवादों से घिरा रहा है। उनका नाम गैंगस्टर छोटा राजन के करीबी विक्की गोस्वामी से जुड़ा है। विक्की को ड्रग्स की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और ममता पर भी ड्रग्स तस्करी में लिप्त होने का आरोप लगा था। ममता ने दावा किया कि वह विक्की के बिजनेस के बारे में नहीं जानती और उनका 2000 करोड़ की ड्रग्स तस्करी से कोई संबंध नहीं है। जानकारी के अनुसार, विक्की और ममता ने 2013 में शादी की थी। ममता ने शादी से पहले ही फिल्मों को अलविदा कह दिया था।