क्या अमेरिकी गायिका ने राहुल गांधी को दिया करारा जवाब?

सारांश
Key Takeaways
- मेरी मिलबेन ने राहुल गांधी को करारा जवाब दिया है।
- प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति की सराहना की गई।
- सोशल मीडिया पर भारतीय यूजर्स ने समर्थन किया।
- नेतृत्व का मतलब केवल दिखावा नहीं है, बल्कि रणनीति है।
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी गायिका और सांस्कृतिक दूत मेरी मिलबेन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई आलोचना का करारा जवाब दिया है। राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर केंद्र सरकार की आलोचना की थी, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है।
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर ट्रंप से डरने का आरोप लगाया, जिससे राजनीतिक माहौल में एक नया सियासी टकराव उत्पन्न हो गया। इस विवाद के बीच, मेरी मिलबेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति ट्रंप से डरते नहीं हैं और वह अमेरिका के साथ अपनी रणनीति पर ध्यान दे रहे हैं। जैसे अमेरिका हमेशा अपने देश के हितों को पहले रखता है, वैसे ही पीएम मोदी भी भारत के हितों के अनुसार ही काम करते हैं। मैं उनकी सराहना करती हूं।'
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी की नेतृत्व शैली उन्हें समझ नहीं आती और वह प्रधानमंत्री बनने के लिए सक्षम नहीं हैं।
उनके इस पोस्ट पर कई भारतीय यूजर्स ने मेरी मिलबेन के विचारों का समर्थन किया और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की तारीफ की।
सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रीय समन्वयक अभय उपाध्याय ने लिखा, 'पीएम मोदी की समझदारी और दूर की सोच को कोई भी सच्चा देशभक्त ही समझ सकता है। लेकिन कुछ लोग दिल से भारत से जुड़े नहीं हैं इसलिए वे इसे समझ नहीं पाएंगे। यह देखकर अच्छा लगा कि एक अमेरिकी नागरिक भी पीएम मोदी की कूटनीति को समझता है और राहुल गांधी को उसका जवाब दे रहा है।'
इसी तरह, किसान और युवा समर्थक क्षितिज कोहली ने कहा, 'पीएम मोदी लोकप्रियता के लिए नहीं, बल्कि भारत के दीर्घकालिक फायदे के लिए काम करते हैं, और यही सच्चा नेतृत्व है।'
तकनीकी पेशेवर गौरव भारद्वाज ने भी प्रधानमंत्री मोदी को दूरदर्शी नेता बताया जो अमेरिका की नीतियों को समझते हैं और कहा कि ट्रंप जल्द ही राजनीति से बाहर हो जाएंगे, लेकिन भारत को अमेरिका के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखने होंगे।
अन्य यूजर्स ने भी कहा कि नेतृत्व डर या दिखावे की बात नहीं है, बल्कि रणनीति, दूरदर्शिता, और देश के हित को पहले रखने की बात है, जिसे कुछ लोग समझ नहीं पाते।