क्या मिला जोवोविच ने यूक्रेन से हॉलीवुड में कदम रखकर 'रेसिडेंट इविल' से दुनिया जीती?
सारांश
Key Takeaways
- मिला जोवोविच का संघर्ष प्रेरणादायक है।
- यूक्रेन से हॉलीवुड तक का सफर आसान नहीं था।
- उन्होंने अपनी पृष्ठभूमि को ताकत में बदल दिया।
- एक्शन सिनेमा में उनकी पहचान अद्वितीय है।
- संघर्ष के बाद सफलता अवश्य मिलती है।
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मिला जोवोविच का जन्म 17 दिसंबर 1975 को यूक्रेन में हुआ, जो उस समय सोवियत संघ का हिस्सा था। उनका प्रारंभिक जीवन कला और राजनीति के दबावों से भरा रहा। उनकी मां गैलिना लोगिनोवा सोवियत काल की मशहूर अभिनेत्री थीं, लेकिन पश्चिमी फिल्मों के प्रति रुचि के कारण उन्हें वहां की फिल्म इंडस्ट्री से लगभग बाहर कर दिया गया। यह पृष्ठभूमि ही थी, जिसने मिला के बचपन को अस्थिर और संघर्षपूर्ण बना दिया।
सोवियत व्यवस्था की सीमाओं और भविष्य की अनिश्चितता के बीच, मिला का परिवार अमेरिका चला आया। लेकिन हॉलीवुड तक पहुंचना उनके लिए एक सपने के पूरा होने जैसा नहीं था। भाषा की समस्याएं, प्रवासी पहचान और “ईस्ट यूरोपियन” लुक—इन सबने शुरुआत में उन्हें स्टीरियोटाइप भूमिकाओं में सीमित करने की कोशिश की। कई ऑडिशन में उन्हें केवल इसलिए अस्वीकृत किया गया क्योंकि वे पारंपरिक अमेरिकी छवि में फिट नहीं बैठती थीं।
मिला के इस संघर्ष का ज़िक्र रेसिडेंट इविल: द कंप्लीट विजुअल हिस्ट्री में किया गया है। इसमें मिला जोवोविच के इंटरव्यू और उनके व्यक्तिगत अनुभव शामिल हैं। इनमें वे बताती हैं कि कैसे एक यूक्रेनी प्रवासी लड़की के रूप में उन्हें बार-बार खुद को साबित करना पड़ा—न केवल एक अभिनेत्री के तौर पर, बल्कि एक्शन सिनेमा की नायिका के रूप में भी।
किताब में यह भी दर्ज है कि “रेसिडेंट इविल” से पहले उन्हें गंभीर भूमिकाएं कम मिली थीं और कई बार उनकी पृष्ठभूमि को कमजोरी समझा गया। लेकिन उन्होंने उसी अलग पहचान को अपनी ताकत बना लिया। उनका उच्चारण, शारीरिक अभिनय और भावनात्मक कठोरता—इन सबने उनके किरदारों में एक अलग विश्वसनीयता लाने में मदद की।
मिला के जीवन का यूक्रेनी अध्याय आज भी उनके व्यक्तित्व में झलकता है। वे कई इंटरव्यू में कह चुकी हैं कि प्रवासी होने का अनुभव उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है। अनिश्चितता, अस्वीकृति और संघर्ष—यही वे चीजें थीं, जिन्होंने उन्हें हॉलीवुड की सबसे टिकाऊ एक्शन अभिनेत्रियों में से एक बना दिया।
1997 में आई “द फिफ्थ एलिमेंट” उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। इस साइंस-फिक्शन फिल्म में ‘लीलू’ का किरदार संवादों से ज्यादा शारीरिक अभिव्यक्ति और भावनात्मक तीव्रता पर आधारित था, जिसे मिला ने यादगार बना दिया।
इसके बाद मिला जोवोविच ने “रेसिडेंट इविल” फिल्म श्रृंखला के माध्यम से एक्शन सिनेमा में नई परिभाषा गढ़ी। ‘एलिस’ के किरदार में उन्होंने जॉम्बी-एपोकैलिप्स की दुनिया में एक ऐसी महिला नायिका के रूप में नजर आईं, जो न केवल लड़ती है बल्कि पूरी कहानी को अपने कंधों पर उठाए रखती है।
यूक्रेन से निकली एक कलाकार का हॉलीवुड में अपनी जगह बनाना केवल सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस जिद की कहानी है, जिसमें अपनी जड़ों को बोझ नहीं, बल्कि पहचान बनाया गया। मिला जोवोविच का सफर बताता है कि कभी-कभी वही पृष्ठभूमि, जिसे दुनिया कमजोरी मानती है, असल में सबसे बड़ी ताकत साबित होती है।