क्या राकेश बेदी ने फैंस को ‘सास-बहू का संगम’ दिखाया? है न कमाल?

सारांश
Key Takeaways
- प्रकृति की खूबसूरती
- सास-बहू के रिश्ते का महत्व
- भारतीय संस्कृति की विशेषताएँ
- संगम का प्रतीकात्मक अर्थ
- पर्यटन स्थलों की जानकारी
मुंबई, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म उद्योग के अनुभवी और प्रसिद्ध अभिनेता-कमीडियन राकेश बेदी ने एक अनोखे अंदाज में अपने प्रशंसकों से संवाद किया है। इस बार, उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा कर प्रशंसकों को प्रकृति के एक अद्भुत दृश्य से अवगत कराया।
इस वीडियो में उन्होंने उत्तराखंड की दो नदियों भागीरथी और अलकनंदा के संगम को दर्शाया और इसे ‘सास-बहू का संगम’ नाम दिया। राकेश बेदी ने इंस्टाग्राम पर इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा, “सास-बहू का संगम।”
वीडियो में उन्होंने बताया कि देहरादून से पौड़ी की यात्रा करते समय उन्हें एक अद्भुत दृश्य दिखा, जिसे वह अपने फैंस को भी साझा करना चाहते थे। उन्होंने अलकनंदा और भागीरथी नदियों के संगम को अपने वीडियो के माध्यम से प्रदर्शित किया। राकेश ने कहा कि एक नदी दाईं ओर से और दूसरी बाईं ओर से आती है, जो एक बिंदु पर मिलकर गंगा का रूप धारण करती हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस संगम को “सास-बहू का संगम” कहा जाता है।
अभिनेता ने आगे कहा, “दोस्तों, मैं उत्तराखंड के देहरादून से पौड़ी जा रहा हूं। मेरे सामने एक अद्भुत दृश्य है, इसलिए मैंने सोचा कि इसे आपको दिखाऊं। यहां दो नदियों का संगम है। एक नदी दाईं ओर से आ रही है और दूसरी बाईं ओर से, और दोनों एक बिंदु पर मिलकर मिलती हैं। दोनों नदियों के किनारे शहर बसे हैं, लेकिन इन दिनों बारिश का मौसम होने के कारण यहां थोड़ी चिंता भी है। यहां के लोग इस मिलन को ‘सास-बहू का संगम’ कहते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “दोस्तों, इनमें से एक नदी थोड़ी गोरी-सी है, और जब दोनों नदियां मिलती हैं, तो वे गंगा बन जाती हैं। वैसे, हर घर में ऐसा ही होना चाहिए; अगर सास-बहू मिल जाएं, तो घर में भी गंगा बहने लगेगी। मैं आपको नदियों के नाम बताना भूल गया था। एक है भागीरथी और दूसरी है अलकनंदा। भागीरथी थोड़ी उग्र स्वभाव की है, जबकि अलकनंदा शांत है। लेकिन, मजेदार बात ये है कि दोनों का स्रोत एक ही है। दोनों गंगोत्री से निकलती हैं। है ना कमाल की बात!