क्या छत्तीसगढ़ में 13 लाख के इनामी कट्टर माओवादी कपल ने किया आत्मसमर्पण?

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क्या छत्तीसगढ़ में 13 लाख के इनामी कट्टर माओवादी कपल ने किया आत्मसमर्पण?

सारांश

छत्तीसगढ़ में एक माओवादी कपल ने आत्मसमर्पण किया है, जो 13 लाख के इनाम पर थे। यह घटना न केवल राज्य की माओवाद के खिलाफ की गई कार्रवाई को दर्शाती है, बल्कि पुनर्वास नीति की सफलता भी है। क्या इस आत्मसमर्पण से माओवादी गतिविधियों में कमी आएगी? जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • माओवादी कपल ने 13 लाख के इनाम पर आत्मसमर्पण किया।
  • पुनर्वास नीति-2025 माओवादी विचारधारा को तोड़ने में सहायक।
  • छत्तीसगढ़ में पिछले 23 महीनों में 2200 से अधिक माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया।
  • आत्मसमर्पण की संख्या में वृद्धि, सर्जिकल स्ट्राइक और सामुदायिक आउटरीच का परिणाम।
  • पूर्व साथी के सफलता की कहानियों से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण।

रायपुर/खैरागढ़, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में जिला पुलिस के समक्ष प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के 13 लाख रुपए के इनामी माओवादी जोड़े ने हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की सशक्त आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 को अपनी मुक्ति का मार्ग बताया।

यह 25 सालबस्तर के माड़ संभाग और विशाल मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ (एमएमसी) क्षेत्र में सक्रिय था। वे त्रि-राज्यीय सीमा पर स्थित वन क्षेत्रों में कैडर भर्ती और रसद सहायता सहित कई हिंसक माओवादी गतिविधियों में संलिप्त थे।

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, पुरुष माओवादी को 'मुन्ना' उपनाम से जाना जाता है। उस पर 7 लाख रुपए का इनाम था, जबकि उसकी साथी 'जूली' उस पर 6 लाख रुपए का इनाम था। मुन्ना और जूली बस्तर और सीमावर्ती जिलों के घने इलाकों में वर्षों तक पकड़े जाने से बचते रहे थे।

पुलिस अधिकारियों ने इस घटनाक्रम को माओवादियों के गढ़ों को ध्वस्त करने के चल रहे अभियान में एक 'गेम-चेंजर' बताया।

पुलिस अधीक्षक लक्ष्य शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, "हमारे बलों के अथक अभियानों और पुनर्वास योजना के तहत सम्मानजनक जीवन के वादे से प्रभावित होकर, इस जोड़े ने शांति को चुना। अब उन्हें अनिवार्य रूप से कट्टरपंथ से मुक्ति और कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही अपने भविष्य के पुनर्निर्माण के लिए तत्काल वित्तीय सहायता और दीर्घकालिक सहायता भी दी जाएगी।"

छत्तीसगढ़ में माओवादियों के आत्मसमर्पण में वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले 23 महीनों में 2,200 से अधिक माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया या अपने रास्ते को बदल लिया है।

अधिकारी इस गति का श्रेय सर्जिकल स्ट्राइक, सामुदायिक आउटरीच और मासिक वजीफे, आवासीय भूखंडों और व्यावसायिक कार्यक्रमों जैसे आकर्षक प्रोत्साहनों को मिलाकर बनाई गई बहुआयामी रणनीति को देते हैं।

सूत्रों का कहना है कि माओवादी विचारधारा से आंतरिक मोहभंग और पूर्व साथियों के सफल पुनर्वास की कहानियों से आत्मसमर्पण में वृद्धि दर्ज हुई है।

Point of View

बल्कि समुदाय के समर्थन को भी दर्शाती है।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

माओवादी कपल का क्या नाम है?
पुरुष माओवादी का नाम मुन्ना है, और उसकी साथी का नाम जूली है।
कपल पर कितना इनाम था?
मुन्ना पर 7 लाख रुपए और जूली पर 6 लाख रुपए का इनाम था।
आत्मसमर्पण का उद्देश्य क्या था?
आत्मसमर्पण का उद्देश्य छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के तहत एक नए जीवन की शुरुआत करना था।
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