क्या शिक्षक दिवस पर पापोन ने अपने गुरुओं से मिले अनमोल सबक साझा किए?

सारांश
Key Takeaways
- पापोन ने अपने माता-पिता को अपने जीवन का सबसे बड़ा शिक्षक बताया।
- उनकी विरासत संगीत के माध्यम से आगे बढ़ रही है।
- शिक्षक दिवस पर ज्ञान और मार्गदर्शन का महत्व।
- पापोन की आने वाली गजल का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
मुंबई, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध प्लेबैक सिंगर पापोन की फिल्म 'मेट्रो... इन दिनों' के गानों को दर्शकों ने भरपूर प्यारगजल लेकर आने वाले हैं। इस विशेष अवसर पर शिक्षक दिवस पर पापोन ने अपने गुरुओं से प्राप्त अनमोल सबक साझा किए हैं।
'बुल्लेया', 'जिएं क्यों', 'मोह मोह के धागे', और 'तू जो मिला' जैसे गानों के लिए मशहूर गायक पापोन ने अपने माता-पिता को अपने जीवन का सबसे बड़ा शिक्षक बताया है। शिक्षक दिवस पर उन्होंने अपने माता-पिता की सीख और मार्गदर्शन को याद किया।
पापोन, जिनका असली नाम अंगाराग महंत है, ने कहा कि उनका प्रभाव उनकी हर गजल, लोकगीत और रोमांटिक गानों में हमेशा गूंजता रहता है। वह उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
पापोन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "मेरे सबसे बड़े शिक्षक मेरे माता-पिता हैं। मेरे पिता खगेन महंत, जिन्हें असम में 'बिहू के राजा' के नाम से जाना जाता है, और मेरी मां अर्चना महंत, जिनकी आवाज में हमारी लोक परंपराओं की निष्ठा झलकती थी। बचपन से ही उनकी धुनें हमारे घर में गूंजती रहीं, केवल सुरों में ही नहीं, बल्कि मेरी हर सांस में।"
इस शिक्षक दिवस पर मैं उन्हें न केवल उस संगीत के लिए नमन करता हूं जो उन्होंने दुनिया को दिया, बल्कि उस ज्ञान के लिए भी जो उन्होंने मुझे दिया। मेरी हर प्रस्तुति, मेरा हर सुर, उनकी विरासत को समेटे हुए है। मैं उनकी सीख को अपने सीने से लगाए आगे बढ़ता हूं और यही उनका मेरे लिए सबसे बड़ा आशीर्वाद है, जिसकी वजह से मैं आज यहां पहुंचा हूं।"
पापोन के पिता खगेन महंत को असम में आज भी 'बिहू के राजा' के रूप में याद किया जाता है। उनकी मां अर्चना भी एक प्रसिद्ध लोक गायिका थीं, जिनके गाने आज भी लोग गुनगुनाते हैं। उनके परिवार के लिए संगीत केवल एक कला नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका था।
पापोन बहुत जल्द एक गजल लेकर आ रहे हैं, जिसकी रिकॉर्डिंग पूरी हो चुकी है। एक इवेंट में गिटार के साथ गजल गाते हुए उन्होंने इसकी घोषणा की थी। उनके इस एल्बम का प्रशंसकों को बेसब्री से इंतजार है।