क्या सचिन पिलगांवकर ने 'शोले' के 50 साल पूरे होने पर अपने किरदार का ख़ास किस्सा सुनाया?

सारांश
Key Takeaways
- सचिन पिलगांवकर ने 'शोले' में महत्वपूर्ण किरदार निभाया।
- निर्देशक रमेश सिप्पी का निर्णय फिल्म के लिए महत्वपूर्ण था।
- फिल्म ने भारतीय सिनेमा में एक नया मापदंड स्थापित किया।
- सचिन का अनुभव दर्शाता है कि हर अभिनेता को अपने किरदार से जुड़ा दुख होता है।
- फिल्म के 50 साल पूरे होने पर इसे याद किया जाना चाहिए।
मुंबई, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड की प्रसिद्ध फिल्म 'शोले' का 50वां साल पूरा हो गया है। इस फिल्म में अभिनेता सचिन पिलगांवकर ने रहीम चाचा के बेटे का किरदार निभाया था, और उन्होंने इस किरदार से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा साझा किया।
सचिन ने हाल ही में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि निर्देशक रमेश सिप्पी ने उनके एक महत्वपूर्ण सीन को हटाया था, जिसके पीछे कई कारण थे।
उन्होंने कहा, "मेरा जो सीन गब्बर के अड्डे पर शूट किया गया था, वो कुछ कारणों से एडिटिंग में हटा दिया गया।"
सचिन ने बताया, "फिल्म बहुत लंबी हो रही थी, और रमेश जी को लगा कि एक 16-17 साल के लड़के की हत्या का दृश्य दिखाना अनुचित होगा। फाइनल सीन में गब्बर हाथ में एक काली चींटी लेकर कहता है, 'रामगढ़ का बेटा आया है,' और फिर वह उस चींटी को मार देता है। इसके बाद गांव में मेरे किरदार की लाश दिखती है, जिससे पता चलता है कि मेरा किरदार मारा गया है।"
सचिन ने स्वीकार किया कि उस समय एक अभिनेता के तौर पर उन्हें यह सीन कटने का अफसोस हुआ था।
उन्होंने कहा, "मुझे बहुत बुरा लगा था, क्योंकि वह मेरा एक खास सीन था गब्बर के साथ, जो हटा दिया गया था। हर अभिनेता को ऐसा ही लगता है। लेकिन अब जब मैं खुद एक निर्देशक हूं, तो मैं रमेश जी के निर्णय को समझता हूं और उसकी सराहना करता हूं।"
फिल्म 'शोले' में सचिन का किरदार गब्बर (जिसे अमजद खान ने निभाया था) द्वारा मारा जाता है। यह फिल्म शुक्रवार को अपने 50 साल पूरे कर रही है।