क्या विवेक रंजन ने 'द बंगाल फाइल्स' के तीन दमदार डायलॉग साझा किए हैं?

सारांश
Key Takeaways
- फिल्म का शीर्षक: द बंगाल फाइल्स
- रिलीज़ की तारीख: 5 सितंबर
- मुख्य कलाकार: मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर, पल्लवी जोशी
- सामाजिक मुद्दा: 1946 के दंगों का सच
- शोध: चार साल का गहन शोध
मुंबई, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म निर्माता-निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री की आगामी फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स : राइट टू लाइफ’ 5 सितंबर को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने के लिए तैयार है। यह फिल्म 1946 के डायरेक्ट एक्शन डे और नोआखाली दंगों पर आधारित है। विवेक ने सोशल मीडिया पर फिल्म के तीन प्रभावशाली डायलॉग साझा करते हुए कहा कि ये संवाद हमेशा देश की यादों में रहेंगे।
विवेक ने इंस्टाग्राम पर फिल्म का एक पोस्टर साझा करते हुए कहा कि ये संवाद 'देश को झकझोरने वाला' हैं। उन्होंने कैप्शन में लिखा, “ऐसे संवाद जो देश को झकझोर देते हैं। ये तीखे प्रहार करने वाले संवाद आपको हमेशा याद रहेंगे।”
ये डायलॉग 1940 के दशक में बंगाल के सांप्रदायिक दंगों और राजनीतिक निर्णयों के प्रभाव को दर्शाते हैं, जो भारतीय इतिहास के एक काले अध्याय का हिस्सा हैं। इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार और अन्य कलाकार मुख्य भूमिकाओं में हैं।
पहली लाइन सिमरत कौर की है, 'जमीन का टुकड़ा नहीं, भारत का लाइटहाउस है बंगाल।'
दूसरी लाइन पल्लवी जोशी की है, 'ये सब एक खेल है, लोग लड़ते हैं, देश जलता है और खेल चलता रहता है।'
तीसरी लाइन मिथुन चक्रवर्ती की है, वह हाथ में ताबीज और मौली लेकर पूछते हैं, 'बता सकते हो इनमें से 'वी द पीपल ऑफ इंडिया' कौन है।'
यह फिल्म अग्निहोत्री की ‘फाइल्स ट्रायोलॉजी’ की तीसरी और अंतिम कड़ी है, जिसमें ‘द ताशकंद फाइल्स’ (2019) और ‘द कश्मीर फाइल्स’ (2022) शामिल हैं। पहले इसे ‘द दिल्ली फाइल्स’ के नाम से जाना जाता था, लेकिन जनता की मांग पर इसका नाम बदलकर ‘द बंगाल फाइल्स’ कर दिया गया।
अग्निहोत्री ने बताया कि फिल्म के लिए चार साल तक गहन शोध किया गया, जिसमें 20 राज्यों की यात्रा, 100 से अधिक किताबें और 7,000 से ज्यादा शोध पेज शामिल हैं। वे कहते हैं, “यह फिल्म भारत की नियति को दिल्ली से जोड़ती है, लेकिन इसका केंद्र बंगाल की अनकही सच्चाई है।”
अग्निहोत्री ने कहा कि यह फिल्म दर्शकों को इतिहास के उन पहलुओं से रूबरू कराएगी, जो अब तक छिपाए गए हैं। हालाँकि, कोलकाता में ट्रेलर लॉन्च के दौरान पुलिस द्वारा रुकावट का सामना करना पड़ा, जिसे उन्होंने राजनीतिक दबाव बताया।