क्या 1 मिनट की 'आई पामिंग' से आंखों की थकान दूर की जा सकती है?
सारांश
Key Takeaways
- आई पामिंग एक सरल और प्रभावी तकनीक है।
- यह आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद है।
- हर उम्र के लोग इसे कर सकते हैं।
- दिन में तीन से चार बार इसका अभ्यास करें।
- आंखों के तनाव को कम करने में मददगार है।
नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑफिस में कंप्यूटर के सामने लंबे समय तक बैठना या फिर मोबाइल, लैपटॉप और टीवी की स्क्रीन के सामने रहने से आंखों में जलन, लालिमा और भारीपन होना अब एक सामान्य समस्या बन गई है। ऐसे समय में, एक सरल तकनीक आई पामिंग के अभ्यास से आंखों की थकान को प्रभावी ढंग से दूर किया जा सकता है।
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय 'आई पामिंग' को आंखों की थकान के लिए सबसे आसान और प्रभावी उपाय बताता है। यह प्राचीन योग तकनीक बिना किसी खर्च के घर पर ही आंखों को तात्कालिक राहत प्रदान करती है।
आई पामिंग करने से स्क्रीन की नीली रोशनी से होने वाला तनाव कम होता है। आंखों की थकी हुई मांसपेशियां आराम करती हैं, सिरदर्द और माथे का भारीपन दूर होता है। इसके नियमित अभ्यास से आंखें स्वस्थ रहती हैं और रात में अच्छी नींद आती है। बच्चे हों या बड़े, हर उम्र के लोग इसे आसानी से कर सकते हैं, यह हर आयु वर्ग के लिए सुरक्षित है।
इसे करने का तरीका बेहद सरल है। सबसे पहले आराम से सीधे बैठ जाएं। दोनों हथेलियों को आपस में तेजी से रगड़ें ताकि गर्माहट आए। अब आंखें पूरी तरह बंद कर लें। हथेलियों को कप के आकार में गोल करके आंखों पर इस प्रकार रखें कि कोई दबाव न पड़े, नाक को सांस लेने के लिए जगह मिल सके और चारों ओर से रोशनी न आए। कोहनी को टेबल या घुटनों पर टिका लें ताकि हाथ थक न जाएं। कंधों और चेहरे को ढीला छोड़कर गहरी सांस लें और अपने मन में गहरे काले रंग की छवि देखने की कोशिश करें। बस एक से पांच मिनट तक ऐसा करें।
दिन में तीन-चार बार पामिंग करने से कुछ ही हफ्तों में आंखों की सेहत में सुधार नजर आने लगता है। इसे ऑफिस में ब्रेक के दौरान, बच्चों के पढ़ाई के बाद या रात में सोने से पहले कभी भी किया जा सकता है।