गोवर्धन पर अन्नकूट क्यों बनाया जाता है? यह प्रसाद शरीर के लिए है वरदान

सारांश
Key Takeaways
- अन्नकूट एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रसाद है।
- यह फाइबर और विटामिन से भरपूर होता है।
- मौसमी सब्जियों का मिश्रण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
- गोवर्धन पूजा का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक है।
- अन्नकूट बनाने से घर में अन्न की कमी नहीं होती।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा का उत्सव मनाया जाता है, विशेषकर मथुरा और गोवर्धन में। इस दिन भगवान श्री कृष्ण को अन्नकूट का भोग अर्पित किया जाता है और मंदिरों में इसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अन्नकूट क्या है और यह सेहत के लिए कितना लाभकारी है?
अन्नकूट दीपावली के बाद से बनना शुरू होता है, जिसमें बाजरे की खिचड़ी, कढ़ी, पूरी और मौसमी सब्जियों का मिश्रण होता है। कई लोग बाजरे की खिचड़ी में हरी सब्जियां मिलाकर स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करते हैं। ये व्यंजन न केवल खाने में महत्वपूर्ण होते हैं, बल्कि शरीर के लिए भी बेहद लाभदायक होते हैं।
दरअसल, कार्तिक माह की शुरुआत होते ही संक्रमण का खतरा बढ़ता है, क्योंकि मौसम में बदलाव होता है। इस माह खांसी, जुकाम, बुखार, आंखों में जलन और स्किन इंफेक्शन की समस्या अधिक होती है। ऐसे में अन्नकूट फाइबर और विटामिन से भरपूर होता है, जो शरीर को गर्म रखकर संक्रमण से बचाता है।
बाजरे की खिचड़ी प्रोटीन से समृद्ध होती है और इसकी गर्म तासीर होती है। यह शरीर को हल्की सर्दी से बचाने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है, जिससे खांसी-जुकाम की समस्या नहीं होती। इसके अतिरिक्त, कढ़ी भी शरीर को गर्म रखती है और सर्दी से बचाती है, साथ ही यह शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करती है। हालांकि, जिन्हें कफ की समस्या है, उन्हें कढ़ी का सेवन सीमित करना चाहिए।
हरी सब्जियों का मिश्रण तैयार करने के लिए सीजन की पालक, मेथी, मूली, गाजर, मटर और बैंगन का उपयोग किया जाता है। ये सभी सब्जियां विटामिन और फाइबर से भरपूर होती हैं, जो शरीर को आवश्यक पोषण देती हैं और बदलते मौसम से होने वाली बीमारियों से भी बचाती हैं। इसलिए अन्नकूट केवल प्रसाद नहीं, बल्कि एक औषधि का भी कार्य करता है।
अन्नकूट को लेकर एक मान्यता है कि इसे बनाने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती और रसोई हमेशा अन्न और सब्जियों से भरी रहती है। इस मान्यता के अनुसार भक्त अन्नकूट बनाकर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित करते हैं।