क्या खट्टी डकार सिर्फ एक असहज लक्षण है, या यह पाचन तंत्र में गड़बड़ी का संकेत है? ऐसे पाएं राहत
सारांश
Key Takeaways
- खट्टी डकार पाचन तंत्र की गड़बड़ी का संकेत हो सकती है।
- आयुर्वेदिक उपाय खट्टी डकार में राहत देने में सहायक हैं।
- मीठी सौंफ और शहद का मिश्रण लाभकारी होता है।
- गुनगुने पानी के साथ शहद का सेवन पाचन शक्ति को मजबूत करता है।
- नारियल पानी प्राकृतिक ठंडक प्रदान करता है।
नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हर मौसम में अधिक खाने-पीने से पाचन संबंधी समस्या बनी रहती है। सर्दियों में लोग मौसम के कारण अधिक गर्म और तला-भुना खाना पसंद करते हैं, जिससे पाचन शक्ति प्रभावित होती है और खट्टी डकार आने लगती है।
आजकल खान-पान और खराब जीवनशैली के कारण खट्टी डकार एक सामान्य समस्या बन गई है, लेकिन यदि यह अधिक समय तक बनी रहती है, तो यह पेट से जुड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है।
खट्टी डकार तब होती है जब पेट में अम्ल की मात्रा बढ़ने लगती है और यह अम्ल ग्रास नली की ओर बढ़ने लगता है। इस स्थिति में खट्टी डकार, हार्टबर्न और कभी-कभी सीने में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह केवल एक असहज लक्षण नहीं है, बल्कि पाचन तंत्र में चल रही गड़बड़ी का संकेत भी हो सकता है। आयुर्वेद में इन समस्याओं से निपटने के लिए कई घरेलू उपाय सुझाए गए हैं, जिनसे खट्टी डकार की समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
इसके लिए मीठी सौंफ और मिश्री का चूर्ण बनाकर घर में रखना चाहिए। यह मिश्रण बाजार में भी मिलता है, लेकिन इसे घर पर स्वच्छता के साथ बनाना बेहतर होता है। सौंफ में एनेथोल होता है, जो पेट के अम्ल को कम करने में मदद करता है। जब पेट का अम्ल कम होता है तो गैस और जलन की समस्या में भी कमी आती है। इस मिश्रण को खाना खाने के बाद लेना चाहिए।
दूसरा, गुनगुने पानी के साथ शहद लेने से भी पेट में अम्ल की मात्रा कम होगी। शहद की तासीर योगवाही होती है, अर्थात यह जिस चीज के साथ लिया जाता है, उसके गुण ले लेता है। गुनगुने पानी के साथ शहद लेने से पाचन शक्ति मजबूत होती है और गैस तथा हार्टबर्न जैसी समस्याएं कम होती हैं। इसका सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए।
तीसरा, अजवाइन, काला नमक, और नींबू का मिश्रण भी पेट के लिए लाभकारी होता है। यह मिश्रण खाने को पचाने में मदद करता है, जिससे पेट में अम्ल की अत्यधिकता नहीं होती है। अम्ल केवल उतना ही बनता है, जितना खाना पचाने के लिए आवश्यक होता है। इसके अलावा, पेट के अम्ल को शांत करने के लिए नारियल पानी का सेवन भी फायदेमंद होगा। नारियल पानी प्राकृतिक रूप से ठंडक पहुंचाता है और पाचन में सहायता करता है।
चौथा, सूखा अदरक (सोंठ) और शहद का सेवन भी खट्टी डकार में राहत देता है। यह मिश्रण म्यूकस परत को मजबूत करता है, जिससे पेट में बनने वाला अम्ल म्यूकस परत को नुकसान नहीं पहुंचा पाता और जलन का अहसास कम होता है।