क्या पीएम मोदी ने नागरिकों से भूली हुई पूंजी को नए अवसरों में बदलने की अपील की?

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क्या पीएम मोदी ने नागरिकों से भूली हुई पूंजी को नए अवसरों में बदलने की अपील की?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी भूली हुई वित्तीय संपत्तियों को नए अवसरों में बदलें। इस पहल के तहत, हजारों करोड़ रुपए बिना दावे के पड़े हैं। जानें कैसे आप अपने हक का पैसा वापस पा सकते हैं।

Key Takeaways

  • नागरिकों के लिए वित्तीय संपत्तियों की पहचान करना महत्वपूर्ण है।
  • राज्य और केंद्र सरकार के प्रयासों से धन वापस लाया जा रहा है।
  • विशेष पोर्टल्स की मदद से क्लेम की प्रक्रिया आसान बनती है।
  • सामुदायिक जागरूकता से अधिक लोग अपने हक का पैसा प्राप्त कर सकते हैं।
  • भविष्य में इस पहल का विस्तार किया जाएगा।

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि 'आपका पैसा, आपका अधिकार' पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर नागरिक अपने हक का पैसा हासिल कर सके, क्योंकि भारतीय बैंकों, बीमा और म्यूचुअल फंड कंपनियों में हजारों करोड़ रुपए बिना दावे के पड़े हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा, "यह एक भूली हुई वित्तीय संपत्ति को एक नए अवसर में बदलने का मौका है। आइए, हम सब मिलकर एक पारदर्शी, आर्थिक रूप से सशक्त और समावेशी भारत का निर्माण करें।"

हाल ही में यहां हुए हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में अपने भाषण के दौरान, प्रधानमंत्री ने कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया, "भारतीय बैंकों के पास हमारे अपने नागरिकों के 78,000 करोड़ रुपए बिना क्लेम किए हुए पड़े हैं। इंश्योरेंस कंपनियों के पास लगभग 14,000 करोड़ रुपए बिना क्लेम किए हुए पड़े हैं। म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास लगभग 3,000 करोड़ रुपए हैं, और 9,000 करोड़ रुपए के डिविडेंड भी बिना क्लेम किए हुए हैं।"

अपनी पोस्ट में, पीएम मोदी ने कहा कि इन तथ्यों ने बहुत से लोगों को हैरान कर दिया है।

उन्होंने बताया, "आखिरकार, ये संपत्तियां अनगिनत परिवारों की मेहनत की बचत और निवेश हैं। इसे सुधारने के लिए, अक्टूबर 2025 में 'आपका पैसा, आपका अधिकार' पहल शुरू की गई थी। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर नागरिक वह वापस पा सके जो वास्तव में उसका है।"

फंड को ट्रैक करने और क्लेम करने की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए, विशेष पोर्टल बनाए गए हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पास बिना क्लेम किए गए बैंक डिपॉजिट और बैलेंस के लिए यूडीजीएएम पोर्टल है; भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के पास बिना क्लेम किए गए बीमा पॉलिसी के पैसे के लिए बीमा भरोसा पोर्टल है; भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास म्यूचुअल फंड में बिना क्लेम की गई रकम के लिए 'मित्र' पोर्टल है, और कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय बिना भुगतान किए गए डिविडेंड और बिना क्लेम किए गए शेयरों के लिए आईईपीएफए पोर्टल प्रदान करता है।

पीएम मोदी ने कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दिसंबर 2025 तक, ग्रामीण और शहरी भारत के 477 जिलों में सुविधा कैंप आयोजित किए गए हैं। दूरदराज के क्षेत्रों को कवर करने पर जोर दिया गया है। सभी स्टेकहोल्डर्स, खासकर सरकार, नियामक निकाय, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों के सामूहिक प्रयासों से, लगभग 2,000 करोड़ रुपए पहले ही सही मालिकों को लौटा दिए गए हैं।"

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आने वाले दिनों में इस अभियान को और बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा, "ऐसा करने के लिए, मैं आपसे निम्नलिखित बातों पर मदद का अनुरोध करता हूं: जांचें कि क्या आपके या आपके परिवार के पास बिना क्लेम किए गए डिपॉजिट, बीमा के पैसे, डिविडेंड या निवेश हैं, मैंने जिन पोर्टल्स का जिक्र किया है, उन पर जाएं और अपने जिले में सुविधा कैंप का इस्तेमाल करें।"

Point of View

NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

यह पहल कब शुरू हुई?
यह पहल अक्टूबर 2025 में शुरू की गई थी।
इसमें कितने पैसे बिना क्लेम के पड़े हैं?
भारतीय बैंकों में लगभग 78,000 करोड़, इंश्योरेंस में 14,000 करोड़ और म्यूचुअल फंड में 3,000 करोड़ रुपए बिना क्लेम के पड़े हैं।
मैं अपने बिना क्लेम के पैसे कैसे ट्रैक कर सकता हूँ?
आप विभिन्न पोर्टल्स का उपयोग कर सकते हैं जैसे कि यूडीजीएएम, बीमा भरोसा, और मित्र।
क्या यह पहल सिर्फ शहरी क्षेत्रों के लिए है?
नहीं, यह पहल ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए है।
किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए क्या मुझे पंजीकरण करनी होगी?
आपको अपने जिले में सुविधा कैंप का उपयोग करने के लिए पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है।
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