क्या काम का प्रेशर और तनाव दूर करने में शीतली प्राणायाम कारगर है?

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क्या काम का प्रेशर और तनाव दूर करने में <b>शीतली प्राणायाम</b> कारगर है?

सारांश

आज की तेज़-तर्रार दुनिया में तनाव आम समस्या बन चुकी है। जानिए कैसे शीतली प्राणायाम सरलता से तनाव को दूर कर सकता है और आपको मानसिक शांति प्रदान कर सकता है।

Key Takeaways

  • तनाव को कम करने का सरल उपाय है शीतली प्राणायाम।
  • यह शरीर और मन को ठंडक प्रदान करता है।
  • गर्मी के मौसम में विशेष लाभकारी है।
  • यह पाचन संबंधी समस्याओं को भी सुधारता है।
  • नियमित अभ्यास से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।

दिल्ली, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव का सामना करना एक सामान्य बात बन चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, तनाव आज के समय में सबसे प्रचलित मानसिक विकार है, जिसने वर्ष 2019 में 301 मिलियन लोगों को प्रभावित किया। इस स्थिति से निजात पाने के लिए भारतीय योग पद्धतियाँ मददगार साबित हो सकती हैं। शीतली प्राणायाम एक ऐसा उपाय है जो तनाव को कम करने में सहायक है।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, शीतली प्राणायाम एक सरल अभ्यास है जो शरीर और मन को ठंडक प्रदान करता है। 'शीतल' शब्द से उत्पन्न यह प्राणायाम तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और मानसिक तनाव को दूर करने में प्रभावी है।

विशेषज्ञों का मानना है कि गर्मी के मौसम में यह विशेष रूप से लाभदायक है, क्योंकि यह शरीर की गर्मी को कम करता है और शांति प्रदान करता है।

शीतली प्राणायाम कैसे किया जाता है? आयुष मंत्रालय के अनुसार, 'शीतली' का मतलब ठंडा या सुखदायक होता है। इस प्राणायाम में जीभ को ट्यूब के आकार में मोड़कर सांस ली जाती है, जिससे मुंह के माध्यम से ठंडी हवा शरीर में प्रवेश करती है। यह योग की आठ प्रकार की प्राणायाम तकनीकों में से एक है, जिसका उल्लेख प्राचीन ग्रंथों जैसे हठयोग प्रदीपिका में मिलता है। मंत्रालय के मुताबिक, यह अभ्यास न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।

आयुष मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, इसे करना बहुत आसान है। सबसे पहले किसी ध्यान मुद्रा जैसे पद्मासन या सुखासन में आराम से बैठें। दोनों हाथों को ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रखें। अब जीभ को बाहर निकालें और उसके किनारों को मोड़कर नली का आकार दें। इस नली से धीरे-धीरे गहरी सांस लें, जैसे स्ट्रॉ से पानी पी रहे हों। सांस भरने के बाद मुंह बंद करें और दोनों नासिका छिद्रों से धीरे-धीरे सांस छोड़ें। शुरुआती लोग चार चक्र कर सकते हैं, जबकि अनुभवी 10 मिनट तक अभ्यास कर सकते हैं। इसे रोजाना करने से मांसपेशियाँ रिलैक्स होती हैं और तंत्रिका तंत्र मजबूत होता है।

शीतली प्राणायाम के कई लाभ हैं। यह मन को शांत करता है, तनाव और चिंता को दूर करता है। यह पाचन संबंधी समस्याएं जैसे एसिडिटी और कब्ज को ठीक करता है। गर्मी से होने वाली थकान, उच्च रक्तचाप और सूजन को कम करने में भी मदद करता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि नियमित अभ्यास से नींद की गुणवत्ता सुधरती है और एकाग्रता बढ़ती है।

विशेष रूप से गर्मियों में यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है, जिससे गर्मी से राहत मिलती है। मंत्रालय की सलाह है कि इसे खाली पेट करना चाहिए। हालाँकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञ कुछ सावधानियाँ बरतने की भी सलाह देते हैं। यदि मुंह में कोई संक्रमण हो या सर्दी-जुकाम हो तो इसे न करें। गर्भवती महिलाएँ और हृदय रोगी डॉक्टर की सलाह लें।

Point of View

यह स्पष्ट है कि आजकल के तनावपूर्ण जीवन में योग और प्राणायाम जैसे उपायों की आवश्यकता है। शीतली प्राणायाम जैसे अभ्यास न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार लाते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर इसे अपनाने की आवश्यकता है।
NationPress
27/09/2025

Frequently Asked Questions

शीतली प्राणायाम किस प्रकार किया जाता है?
शीतली प्राणायाम में जीभ को नली की तरह मोड़कर मुंह से गहरी सांस ली जाती है।
इसका अभ्यास कौन कर सकता है?
यह प्राणायाम सभी लोग कर सकते हैं, लेकिन गर्भवती महिलाएं और हृदय रोगी डॉक्टर की सलाह लें।
यह प्राणायाम किस मौसम में अधिक लाभकारी है?
गर्मी के मौसम में यह विशेष रूप से फायदेमंद होता है।
इसे करने का सही समय क्या है?
इसे खाली पेट करना सबसे अच्छा होता है।
क्या यह प्राणायाम मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है?
जी हाँ, यह मानसिक तनाव को कम करने में सहायक है।