क्या सिर में दर्द सिर्फ थकान है, या यह माइग्रेन का संकेत है?
सारांश
Key Takeaways
- माइग्रेन एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है।
- लंबे समय तक तनाव माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है।
- घरेलू उपायों से राहत मिल सकती है।
- योग और प्राणायाम लाभकारी होते हैं।
- महिलाओं में हार्मोनल बदलाव माइग्रेन का एक प्रमुख कारण हैं।
नई दिल्ली, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। यदि आपने कभी ऐसा दर्द अनुभव किया है जो सिर के आधे हिस्से में जैसे हथौड़े की तरह लगे, तो यह कोई सामान्य सिरदर्द नहीं है, बल्कि माइग्रेन हो सकता है। माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसमें सिर के एक हिस्से में तेज और लगातार दर्द होता है। यह घंटों से लेकर 2-3 दिन तक रह सकता है और इसके साथ उल्टी, चक्कर, और रोशनी या आवाज के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है।
माइग्रेन के कई कारण होते हैं। लंबे समय तक तनाव और मानसिक दबाव, नींद की कमी, खाने-पीने की अनियमितता, जंक फूड, हार्मोनल बदलाव (जैसे महिलाओं में पीरियड्स या गर्भावस्था), तेज रोशनी, मौसम और तापमान में अचानक बदलाव आदि माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं।
लक्षणों में सिर के एक हिस्से में तेज दर्द, उल्टी या जी मिचलाना, तेज आवाज या रोशनी से चिड़चिड़ापन, धुंधला दिखना, थकान और कमजोरी शामिल हैं। कुछ लोगों में साइलेंट माइग्रेन होता है, जिसमें सिरदर्द नहीं होता, लेकिन चक्कर या मतली जैसी समस्याएं होती हैं।
माइग्रेन से राहत देने में कुछ घरेलू उपाय काफी प्रभावी होते हैं। तुलसी और अदरक की चाय, पुदीने का तेल माथे या कनपटी पर लगाने से नसें शांत होती हैं। सुबह खाली पेट आंवला और शहद का सेवन करने से दिमाग शांत रहता है। ठंडी पट्टी माथे पर रखने से दर्द कम होता है। शंखपुष्पी और ब्राह्मी जैसी जड़ी-बूटियां मानसिक तनाव घटाकर माइग्रेन की तीव्रता कम करती हैं।
इसके अलावा, योग और प्राणायाम, जैसे अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और शीतली प्राणायाम भी बहुत लाभकारी होते हैं। नींबू के छिलके पीसकर माथे पर लगाने से भी तुरंत राहत मिल सकती है।
माइग्रेन से बचाव के लिए सही से नींद लें, मसालेदार और तैलीय खाने से बचें, ज्यादा स्क्रीन पर समय न बिताएं, तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन करें और पानी खूब पिएं।
ध्यान रखें कि महिलाओं में हार्मोनल बदलाव माइग्रेन का एक बड़ा कारण होते हैं और यदि परिवार में किसी को माइग्रेन है, तो संभावना बढ़ जाती है।