क्या रोजाना नौकासन करना चाहिए? जानें अभ्यास का सही तरीका और लाभ
सारांश
Key Takeaways
- नौकासन करने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- यह मानसिक शक्ति को भी बढ़ाता है।
- सही तरीके से करने पर पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
- यह वजन घटाने में मददगार है।
- आसानी से रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है।
नई दिल्ली, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सनातन धर्म की प्राचीन योग परंपरा आज भी हमारे जीवन को स्वस्थ और संतुलित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। ऐसे कई योगासन हैं, जो हमारे शरीर को मानसिक और शारीरिक मजबूती प्रदान करते हैं। इनमें से एक प्रमुख योगासन है नौकासन.
नौकासन केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद नहीं करता, बल्कि मानसिक शांति और ऊर्जा भी प्रदान करता है। आइए, जानते हैं इसके स्वास्थ्य लाभ और अभ्यास विधि के बारे में।
इसे करने के लिए पहले योगा मैट बिछाएं। फिर मैट पर पीठ के बल लेटकर पैरों को आपस में जोड़ें। अपने दोनों हाथों को शरीर के बगल में सीधा रखें। गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए छाती और पैरों को एक साथ ऊपर उठाएं। अपने हाथों को पैरों की ओर खींचें, जिससे वे पैरों के समानांतर हों। इस स्थिति में आपके शरीर का ऊपरी और निचला भाग 'वी' आकार में होना चाहिए। अपनी कमर को सीधा रखें और नाभि को अंदर की ओर खींचते हुए पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करें। कुछ सेकंड के लिए इसी स्थिति में रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें। फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटें।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, नौकासन करने से शरीर मजबूत और संतुलित होता है। यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है।
पीठ के बल लेटकर यह योग करने से रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है और रक्त संचार ठीक रहता है। यह रक्त संचार को सामान्य करने और शुगर स्तर को बनाए रखने में सहायक है। इसके अलावा, यह वजन और पेट की चर्बी कम करने में भी मदद करता है। हालांकि, आयुष मंत्रालय दिल की गंभीर बीमारी, अस्थमा, माइग्रेन, तेज सिरदर्द, लो ब्लड प्रेशर, या गर्भावस्था के दौरान नौकासन न करने की सलाह देता है।