क्या सकारात्मक सोच जरूरी है? जानिए सेहत पर इसके प्रभाव और फायदे
सारांश
Key Takeaways
- सकारात्मक सोच तनाव कम करती है।
- सकारात्मकता से नींद में सुधार होता है।
- सकारात्मक सोच रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
- ध्यान और मेडिटेशन से मन को शांति मिलती है।
- सकारात्मक लोगों के साथ रहना हमें खुशमिजाज बनाता है।
नई दिल्ली, ११ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हमारी सोच का सीधा प्रभाव हमारे शरीर और मन पर पड़ता है। जब हम नकारात्मक सोचते हैं, तो हमारे दिमाग में हलचल बढ़ जाती है और तनाव भी उत्पन्न होता है। हर छोटी-बड़ी घटना के परिणामों को लेकर अत्यधिक चिंता करने से तनाव और बढ़ता है, लेकिन यदि हम अपनी सोच को सकारात्मक बनाए रखें, तो तनाव अपने आप कम होने लगता है। इसके साथ ही नींद में भी सुधार होता है।
जब मन शांत और खुश होता है, तो रात में आरामदायक नींद आती है, जबकि नकारात्मक सोच और चिंता से नींद में बाधा आती है।
सकारात्मक सोच का प्रभाव हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी पड़ता है। जब हम सकारात्मक सोचते हैं, तो हमारा शरीर बीमारियों से बेहतर तरीके से लड़ सकता है। इसके अलावा, जब मन शांत और संतुष्ट होता है, तो हम जीवन की छोटी-छोटी खुशियों को देख पाते हैं और दूसरों में अच्छाइयां आसानी से पहचान पाते हैं। यही सोच हमें खुशमिजाज बनाती है। ऐसे लोग हर काम खुशी-खुशी करते हैं और उनके चारों ओर का वातावरण भी सकारात्मक और खुशहाल होता है। जो लोग दूसरों की खुशी में खुश रहते हैं, वे सभी को पसंद आते हैं।
सकारात्मक बनने के लिए कुछ सरल उपाय हैं। सबसे पहले, ध्यान या मेडिटेशन करें। किसी शांत स्थान पर बैठकर आंखें बंद करें और गहरी सांस लें। ध्यान को अपनी सांस पर केंद्रित रखें। इसके अलावा, नकारात्मक चीजों पर ध्यान जल्दी जाता है, इसलिए जानबूझकर केवल सकारात्मक चीजों पर ध्यान दें। उदाहरण के लिए, ट्रैफिक में फंसने पर गुस्सा होने की बजाय दोस्तों से बातचीत करें या अपना पसंदीदा गाना सुनें। हमेशा मुस्कुराते हुए काम करें और ऐसे लोगों का साथ चुनें जो खुशमिजाज और सकारात्मक हों।
अतिरिक्त रूप से, रोजाना कुछ मिनट लिखने की आदत डालें। जो भी लिखें, उसे खुशी और सकारात्मकता से जोड़ें। अध्ययन बताते हैं कि लिखते रहने से जीवन के प्रति दृष्टिकोण सकारात्मक बनता है। छोटे-छोटे कदम, जैसे ध्यान, मुस्कान, खुशमिजाज लोगों के साथ समय बिताना और सकारात्मक चीजें लिखना, हमारी सोच को सकारात्मक बनाने में बेहद मदद करते हैं। जब सोच सकारात्मक होगी, तो शरीर, मन और जीवन सभी बेहतर महसूस करेंगे।