क्या शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनने के लिए ये तीन आसान आसन पर्याप्त हैं?
सारांश
Key Takeaways
- ताड़ासन से रीढ़ की हड्डी सीधी होती है और एकाग्रता बढ़ती है।
- वज्रासन पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है।
- भुजंगासन तनाव कम करता है और फेफड़ों को खोलता है।
- नियमित अभ्यास से शरीर में लचीलापन आता है।
- योग विशेषज्ञ की देखरेख में अभ्यास करना सबसे अच्छा है।
नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। योगासनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप शारीरिक और मानसिक समस्याओं को दूर कर सकते हैं। इसकी शुरुआत आप तीन सरल आसनों के अभ्यास से कर सकते हैं।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने तीन सबसे सरल और लाभकारी आसनों की सिफारिश की है। इनमें ताड़ासन, वज्रासन और भुजंगासन शामिल हैं। ये तीनों आसन घर के किसी भी स्थान पर आसानी से किए जा सकते हैं। रोजाना केवल 10 से 15 मिनट समर्पित करने से शरीर में लचीलापन बढ़ता है, मांसपेशियों में मजबूती आती है और मन को शांति मिलती है।
योग विशेषज्ञ सही अभ्यास के तरीके भी बताते हैं। ताड़ासन सबसे सरल और प्रभावी शुरुआती आसन है। इसके लिए दोनों पैरों को जोड़कर सीधे खड़े हो जाएं। हाथों को ऊपर उठाकर उंगलियों को आपस में मिलाएं और शरीर को ऊपर की ओर खीचें। एड़ियों को हल्का उठाएं और सांस को सामान्य रखें। यह आसन रीढ़ की हड्डी को सीधा करता है, कद बढ़ाने में मदद करता है, पूरे शरीर में रक्त का संचार बेहतर बनाता है और एकाग्रता को बढ़ाता है। सुबह खाली पेट करने पर इसका अधिकतम लाभ मिलता है।
वज्रासन का अभ्यास भोजन करने के तुरंत बाद भी किया जा सकता है। इसके लिए घुटनों को मोड़कर एड़ियों पर बैठना है। दोनों घुटने आपस में जुड़े रहें, हाथ जांघों पर रखें और पीठ-गर्दन को सीधा रखें। आंखें बंद करके 5 से 10 मिनट तक शांत बैठें। यह आसन पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है, घुटनों को मजबूत बनाता है, कमर दर्द में राहत देता है और ध्यान के लिए एक आदर्श स्थिति प्रदान करता है। नियमित अभ्यास से पेट की चर्बी भी कम की जा सकती है।
भुजंगासन के लिए पेट के बल लेट जाएं और दोनों हाथ कंधों के पास जमीन पर रखें। गहरी सांस लेते हुए छाती को ऊपर उठाएं, सिर को पीछे की ओर झुकाएं और नजरें छत की ओर रखें। 15 से 20 सेकंड तक इस स्थिति में रहें फिर धीरे से नीचे आएं। यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है, पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है, तनाव को कम करता है और फेफड़ों को खोलकर सांस लेने की क्षमता बढ़ाता है। कब्ज और थकान में भी काफी राहत मिलती है।
इन तीन आसनों से योग की मजबूत नींव रखी जा सकती है। शुरुआत में धीरे-धीरे करें, सांस पर ध्यान दें और नियमितता बनाए रखें। प्रारंभ में योग विशेषज्ञ की देखरेख में अभ्यास करना चाहिए।