क्या ग्लूट्स वर्कआउट से शिल्पा शेट्टी ने फैंस को मोटिवेट किया है?
सारांश
Key Takeaways
- ग्लूट्स वर्कआउट शरीर के निचले हिस्से को मजबूत करता है।
- यह शरीर के पॉश्चर को बेहतर बनाता है।
- इससे पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
- इसे नियमित रूप से करना चाहिए।
- योग और प्राणायाम भी आवश्यक हैं।
मुंबई, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। 90 के दशक की प्रसिद्ध अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी आज एक फिटनेस आइकन बन चुकी हैं। वे समय-समय पर जुम्बा और योगा जैसे तरीकों से अपने फैंस को फिटनेस के लिए प्रेरित करती रहती हैं।
हाल ही में, उन्होंने एक ग्लूट्स वर्कआउट की वीडियो साझा की है, जिसमें उन्होंने इस एक्सरसाइज के कई फायदों के बारे में भी बताया है।
फिटनेस क्वीन ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वे जिम में पसीना बहाते हुए दिख रही हैं। 50 वर्षफायदे भी साझा किए हैं।
शिल्पा ने लिखा, "इससे कूल्हों की लचीलापन बढ़ता है, शरीर का पॉश्चर बेहतर होता है, पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पैरों व घुटनों की मजबूती बढ़ती है। इसे 20 के सेट में 3 बार करना जरूरी है।"
ग्लूट्स वर्कआउट का मुख्य उद्देश्य शरीर के निचले हिस्से को मजबूत और आकार में लाना है। इसमें कई एक्सरसाइज शामिल होती हैं, जैसे लेग हिप थ्रस्ट, बारबेल हिप थ्रस्ट, और सिंगल लेग ग्लूट ब्रिज। यदि इन्हें सावधानी से किया जाए तो यह पैर और कूल्हों की मजबूती में मददगार साबित हो सकता है।
इसके अलावा, शिल्पा शेट्टी योग और प्राणायाम से जुड़ी वीडियो भी शेयर करती हैं। वे अपनी डाइट का ध्यान रखती हैं, जिसमें प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट्स शामिल होते हैं। हालांकि, वे हफ्ते में एक बार चीट मील भी लेती हैं।
शिल्पा नियमित रूप से अपने फैंस को फिटनेस चैलेंज देती रहती हैं। हाल ही में, उन्होंने फैंस के लिए 10 मिनट का 'एब्स' चैलेंज प्रस्तुत किया था, जिसमें वे शानदार तरीके से एब्स की एक्सरसाइज करती नजर आती हैं। एब्स की एक्सरसाइज बाकी वर्कआउट्स से कठिन होती है, क्योंकि बिना सहारे के पैरों को हवा में उठाना आसान नहीं होता।