क्या 'शिरीष' संक्रमण रोकने और सेहत बनाए रखने में मददगार है? आयुर्वेद में इसे ‘गुणों की खान’ कहा जाता है

सारांश
Key Takeaways
- शिरीष के फूल और पत्तियां औषधीय गुणों से भरपूर हैं।
- ये शरीर में संक्रमण को रोकने में सहायक हैं।
- त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए फायदेमंद हैं।
- आंतरिक रूप से शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
नई दिल्ली, १९ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शिरीष के फल और फूलों को आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि माना गया है। इसके फूल और पत्तियां न केवल इसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं, बल्कि इसके औषधीय गुण भी शरीर और मस्तिष्क दोनों के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। इसकी फूल और पत्तियां शरीर के विभिन्न विकारों को ठीक करने में सहायक होती हैं।
शिरीष के फूलों में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो शरीर में संक्रमण को रोकने और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। इन फूलों का उपयोग विशेषकर त्वचा संबंधी समस्याओं के उपचार में किया जाता है। शिरीष के फूलों का प्रयोग घावों को जल्दी ठीक करने, दाद, खुजली और अन्य त्वचा रोगों में किया जाता है। इसके अलावा, ये फूल रक्त को शुद्ध करने में भी सहायक होते हैं, जिससे रक्तदोष, प्रदूषण और अन्य रक्त संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
इसके पत्तियों के भी कई औषधीय गुण होते हैं। इनमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में सूजन और जलन को शांत करते हैं। आयुर्वेद में शिरीष की पत्तियों का उपयोग कई प्रकार के विकार दूर करने के लिए किया जाता है। इसके पत्तों का उपयोग दर्द, घाव और जोड़ों की समस्याओं को ठीक करने के अलावा, गठिया के प्रकोप को कम करने के लिए लाभदायक माना जाता है।
चरक संहिता और सुश्रुत संहिता जैसे प्राचीन ग्रंथों में शिरीष के फूल और पत्तियों के अद्भुत गुणों का उल्लेख मिलता है। यह न केवल शारीरिक समस्याओं का उपचार करता है, बल्कि मानसिक शांति और ऊर्जा के लिए भी लाभकारी है।
सुश्रुत संहिता में शिरीष के फूलों और पत्तियों का उल्लेख विभिन्न रोगों के उपचार के रूप में किया गया है। यह शरीर के दोषों को संतुलित करने और शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में सहायक होता है। इसके फूलों और पत्तियों का सेवन शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जिससे त्वचा की समस्याओं का भी इलाज होता है।
शिरीष के फूलों का लेप त्वचा के दाग-धब्बों को दूर करने में भी मददगार है। साथ ही इसके पाउडर का सेवन करने से शरीर के भीतर की गंदगी निकल जाती है। आयुर्वेद के अनुसार, शिरीष के फूलों का उपयोग आंतरिक और बाहरी रूप से शरीर के विभिन्न विकारों को दूर करने के लिए किया जाता है।
चरक संहिता में शिरीष के फूलों को शरीर के भीतर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए एक प्रभावी औषधि माना गया है। यह शरीर के वात, पित्त और कफ को संतुलित करने में मदद करता है। यह मानसिक स्थिति को भी मजबूत बनाता है।