क्या यूरिक एसिड का असंतुलन शारीरिक रोगों को बढ़ाता है, ऐसे पाएं राहत?

सारांश
Key Takeaways
- यूरिक एसिड का असंतुलन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- आहार में प्यूरिन का ध्यान रखें।
- प्राकृतिक उपचार जैसे नारियल पानी फायदेमंद हैं।
- योग और सही आहार से स्थिति में सुधार संभव है।
- समय-समय पर चिकित्सक से सलाह लें।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शरीर को सुचारू रूप से काम करने के लिए विभिन्न प्रकार के रसायन बनते हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण रसायन है यूरिक एसिड। जब यह शरीर में अधिक या कम मात्रा में बनने लगता है, तो यह कई रोगों की उत्पत्ति कर सकता है।
यूरिक एसिड की अधिकता और कमी दोनों ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। यह बीन्स, मटर, मशरूम, मीट, चाय और कॉफी जैसे खाद्य पदार्थों में मौजूद होता है।
सरल शब्दों में कहें तो हमारे शरीर और आहार में प्यूरिन नामक रसायन होता है, जिसके टूटने पर यूरिक एसिड बनता है। प्यूरिन हमारे डीएनए और आरएनए कोशिकाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
किडनी यूरिक एसिड को मूत्र के माध्यम से बाहर निकाल देती है, लेकिन यदि यह पूरी तरह से बाहर नहीं निकलता या इसकी मात्रा में असंतुलन होता है, तो यह गठिया, पथरी और मल्टीपल सिरोसिस जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।
आयुर्वेद में यूरिक एसिड को संतुलित करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। इसे 'वातरक्त' कहा जाता है, जो रक्त और वात के असंतुलन के कारण होता है। इसके लिए पंचकर्म कराया जा सकता है।
यदि यूरिक एसिड बढ़ गया है, तो अपनी दिनचर्या में रोजाना नारियल पानी शामिल करें। अजवाइन का पानी और एप्पल साइडर विनेगर भी बढ़े हुए यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में सहायक होते हैं। एप्पल साइडर विनेगर को एक गिलास पानी में दो चम्मच मिलाकर दिन में दो बार लें। इससे आपको राहत मिलेगी। अजवाइन को भिगोकर सुबह खाली पेट लें।
खाने में सरसों या रिफाइंड की जगह ऑलिव ऑयल का उपयोग करें, और योग के माध्यम से भी स्थिति में सुधार किया जा सकता है। हरी पत्तेदार सब्जियां, विटामिन सी और फाइबर से भरपूर फल खाना फायदेमंद रहता है।